पटना। बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी 13 जुलाई को विधानसभा मार्च करेगी। यह मार्च गांधी मैदान से शुरू होगा और विधानसभा पहुंचेगा। शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इसकी घोषणा करते हुए इस मार्च के जरिए सरकार से 10 लाख लोगों को नौकरी देने के वादे के मामले पर जवाब मांगा जाएगा।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि विधानसभा का मानसून सत्र 10 से 14 जुलाई तक है। राज्य में समस्याओं के अंबार के बीच सत्र छोटा होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा 13 जुलाई को विधानसभा मार्च करेगी, जिसमे एमएलए, एमएलसी, पदाधिकारी, कार्यकर्ता सभी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस मार्च के जरिए भाजपा सरकार के 10 लाख लोगों को नौकरी देने के मामले में जवाब मांगेगी तथा सरकार से यह भी पूछेगी की नौकरी आखिर कब देगी।
उन्होंने कहा कि इस मार्च के जरिए सरकार से सीटीईटी, एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को बिना परीक्षा लिए नियुक्ति करने और नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने , वित्त रहित महाविद्यालयों को राशि भुगतान करने की भी मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कॉलेजों में 4 सालों से भुगतान नहीं हुआ है।
विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में आज कानून का राज समाप्त हो गया है। इस राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है और सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है।
उन्होंने भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए कहा कि सुल्तानगंज में 1710 करोड़ की लागत से बन रहा पुल पानी में बह गया, लेकिन आलम यह है कि एक एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस पुल का टेंडर 38 प्रतिशत नीचे (बिलो) पर दिया गया था और अब तक 1410 करोड़ का भुगतान हो चुका है।
उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि इससे साफ है कि सरकार की भी भ्रष्टाचार में संलिप्तता है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन को जिम्मेदार बताया।
एक प्रश्न के उत्तर में सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार डर गए हैं। उन्हे मालूम है कि जनता उनके पास से जा चुकी है, अब उन्हें इसका डर सता रहा है कि कहीं अब जो एमएलए भी साथ हैं वह भी चले नहीं जाए, इस कारण उनसे मिल रहे हैं।
इधर, विधानमंडल के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने प्रेस वार्ता में कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि पुल पानी में बह जाता है और पुल निगम के एमडी नीरज सक्सेना को सजा देने की जगह पदोन्नति दी जाती है। जांच के लिए जो निगरानी है उसी में तकनीकी सेल का अभियंता प्रमुख बना दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि ये भ्रष्टचारियों को प्रोत्साहित करने की नीति है। उन्होंने राज्य में सड़कों पर शिक्षको के हो रहे आंदोलन पर कहा कि चरवाहा विद्यालय वालों को राज्य में शैक्षणिक वातावरण और शिक्षकों का अपमान नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सड़क सर लेकर सदन तक लड़ी जाएगी।
इस प्रेस वार्ता में विधान परिषद के पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक जनक सिंह, पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, नितिन नवीन, विधान पार्षद नवल किशोर यादव, भाजपा के प्रदेश महामंत्री व विधायक संजीव चौरसिया, विधायक कृष्ण कुमार सिंह उर्फ मंटू सिंह, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह और अशोक भट्ट उपस्थित रहे।