ब्लॉकबस्टर हिंदी फिल्म बनाना मेरा सपना है : रविंद्र टुटेजा
मुंबई। मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता राजू श्रीवास्तव के शहर कानपुर से आने वाले एक्टर प्रोड्यूसर रविंद्र टुटेजा इन दोनों किसी पहचान के मोहताज नहीं है। भले ही लोग उन्हें बतौर प्रोड्यूसर जानते हो लेकिन वह एक अच्छे अभिनेता भी है और अब तक भाभी जी घर पर हैं, क्राइम पेट्रोल जैसे कई धारावाहिक में अपनी अदाकारी से यह साबित भी कर चुके हैं। रविंद्र टुटेजा पेशे से रियल स्टेट के बिजनेसमैन है और कानपुर में उनकी खूब जमती है लेकिन इसके साथ-साथ वह फिल्म इंडस्ट्री में भी काफी सक्रिय है। रविंद्र कहते हैं कि उनके पिता का सपना था कि उनका छोटा बेटा सिनेमा इंडस्ट्री में नाम करें और आज मैं उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रयासरत हूं। रविंद्र टुटेजा के करियर में रियल एस्टेट से लेकर सिनेमा तक का सफर कैसा रहा हम जानते हैं उनकी ही जुबानी…
सवाल : रियल एस्टेट बिजनेस से आपका नाता है, फिर अपनी सिनेमाई जर्नी की शुरुआत के बारे में बताएं।
रविंद्र टुटेजा : रियल स्टेट दरअसल मेरा खानदानी पेशा है लेकिन आपको बता दें कि मेरे पिता का सपना था कि वह फिल्म बनाएं। और उनका शौक था कि उनका छोटा बेटा यानी मैं उनकी फिल्मों में काम करूं और परिवार का नाम ऊंचा करूं। यह सन 1978 की बात है जब पिताजी ने फिल्म की शुरुआत भी की थी। उस वक्त मैं 10 साल का था, लेकिन किसी वजह से फिल्म नहीं बन पाई। उसके बाद हमारा परिवार रियल स्टेट के बिजनेस में व्यस्त हो गया। मगर जब साल 2012 में मेरे माता-पिता और पत्नी नहीं रहे। तब मुझे लगा कि बिजनेस के साथ-साथ अपने पिता के सपने को भी साकार करने का वक्त आ गया है। मेरे पास उस समय वक्त भी था इसलिए मैं मुंबई चला आया।
सवाल : मुंबई में अपने हिंदी फिल्म बनाई, फिर आपका हिंदी फिल्म से मोह भंग कैसे हो गया?
रविंद्र टुटेजा : फिल्म से मेरा मोह भंग नहीं हुआ, बल्कि मैं जब 2012 में मुंबई आया था। तब मैं बहुत सारे लोगों से मुलाकात की। कई लोगों की कहानी सुनी और फिर मैं फिल्म बनाने का फैसला किया। इसके लिए 2015 तक बहुत सारे लोगों से मिलता रहा। फिर पहली फिल्म साल 2016 में आई जिसका नाम ब्यूटी विद ब्रेन था। इस फिल्म को सनी कपूर ने निर्देशित किया था, जबकि फिल्म में सोनिया ओझा, इमरान खान, किशोर आनंद, आदि ईरानी जैसे दिग्गज अभिनेता थे। फिर मैं कॉमेडियन राजपाल यादव और गुंजन पंत के साथ फिल्म अपरिचित शक्ति बनाई, जिसमें राजपाल यादव को हमने बतौर लीड अभिनेता फिल्म में कास्ट किया था। उस वक्त हमें पता चला कि हिंदी फिल्मों की रिकवरी संभव नहीं है। इसके बाद मैंने अपनी दोनों फिल्में वीनस को बेच दी जो बाद में यूट्यूब पर रिलीज हुई। मैंने कई धारावाहिक भी किए, जिसमें भाभी जी घर पर हैं, क्राइम पेट्रोल आदि प्रमुख हैं।
सवाल : आजकल आप भोजपुरी फिल्में भी करने लगे हैं। हिंदी से भोजपुरी में आना कैसे हुआ?
रविंद्र टुटेजा : भोजपुरी के मशहूर निर्माता प्रदीप सिंह हमारे मित्रों में से हैं। भोजपुरी इंडस्ट्री में मुझे ले आने का श्रेय पूरी तरह से उनको ही जाता है। अभी हाल ही में मैंने उनकी फिल्म प्रोडक्शन नंबर 11 पूरी की है जिसमें मेरा किरदार पिता का है। फिल्म भूत की कहानियों पर आधारित है। इसके अलावे भी मैं कई फिल्में करने वाला हूं। साथ ही बतौर निर्माता मैं भोजपुरी में 4 से 5 फिल्मों के टाइटल भी रजिस्टर्ड कर लिए हैं। लेकिन मेरा सपना फिल्मों में एक्टिंग करना है और आने वाले दिनों में एक बड़े कलाकार के रूप में नाम कमाना मेरा मकसद है। मैंने अपनी ही फिल्म से पर्दे पर डेब्यू किया था।
सवाल : सुना है कि आपने कोविड के समय मुंबई छोड़ दिया था और कानपुर आ गए थे, फिर कानपुर से मुंबई जाने का संयोग कैसे बना ?
रविंद्र टुटेजा : महामारी कोविड के बाद कानपुर में मेरा बिजनेस ज्यादा चल पड़ा। कोविड की वजह से मार्केट में बेहद गिरावट आ गई थी। लोगों ने प्रॉपर्टी बेचना शुरू कर दिया थी। उसे वक्त मैं कई प्रॉपर्टी खरीदी और होटल बनवाई। वह वक्त ऐसा था जब मेरे पास समय नहीं था। लेकिन फिर मुझे मुंबई में धारावाहिक भाभी जी घर पर हैं की टीम ने बुला लिया जिसमें ज्यादातर मेरे दोस्त थे। उनकी वजह से ही मैं मुंबई आया और फिर अपने सपने को आगे बढ़ने का प्रयास करने लगा। इस दरमियान भोजपुरी के बारे निर्माता प्रदीप सिंह, अभय सिंह जैसे दिग्गज लोगों के साथ मिलना जुलना होता रहा। सबों के साथ मेरे अच्छे संबंध रहे हैं। इन लोगों ने हर बार मेरे जन्मदिन को यादगार बनाया।
सवाल : ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल प्लेटफॉर्म को लेकर आपकी क्या राय है ?
रविंद्र टुटेजा : डिजिटल और ओटीटी प्लेटफॉर्म ने इंडस्ट्री को बड़ा बाजार दिया है। खुद यूट्यूब पर मेरे 1000 से अधिक फिल्में हैं। RTF ओरिजनल, RTF वेब टीवी जैसे चैनल हैं जिन पर मैं काम किया। हालांकि कुछ दिनों से इन पर कम कम हुआ है। वो ये की यूट्यूब पर जैसा प्रॉफिट हमने सोचा था वह नहीं मिला लेकिन अब चीज बदली है। साल 2025 में मैं RTF नाम से ही ओटीटी प्लेटफॉर्म और म्यूजिक चैनल की शुरुआत करने वाला हूं उसके पहले अभी मैं साल 2024 तक बैकअप तैयार कर रहा हूं।
सवाल : फिल्मों के बारे में कई तरह की बातें होती रही हैं। लेकिन आपने इस इंडस्ट्री में कदम रख दिया है। इससे पहले क्या सोचा था?
रविंद्र टुटेजा : भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की हकीकत रही है कि यहां द्विद्यार्थी संवाद में इंडस्ट्री को बहुत नुकसान पहुंचा लेकिन अब स्थितियां बदल गई है। यहां भी अच्छी-अच्छी फिल्में आ रही हैं। मैं प्रदीप सिंह की फिल्म की है जो अपने आप में बेजोड़ निर्माता है और उनकी जितनी भी फिल्में आई है सबों ने भोजपुरी के प्रति पूर्व निर्धारित धारणा को तोड़ दिया है। उन्होंने देवरानी जेठानी, सेहरा बांध के आऊंगा, लव vivah.com जैसी एक से एक शानदार फिल्म बनाई है। उनकी आने वाली कई फिल्मों में भी मैं नजर आने वाला हूं। यूं कह ले की भोजपुरी में मेरी पहचान प्रदीप सिंह से ही है। वैसे तो मैं उनके साथ कई फिल्मों से जुड़ा रहा हूं, लेकिन स्क्रीन पर मैं ने उनकी ही फिल्म से डेब्यू किया है जिसकी शूटिंग अभी पूरी हुई है।
सवाल : आप कानपुर को फिल्म सिटी बनाना चाहते हैं, क्यों मुंबई रास नहीं आती?
रविंद्र टुटेजा : उत्तर प्रदेश में फिल्मों को लेकर विगत सालों में नजरिया बदला है। राज्य की सरकार ने फिल्मों को यहां खूब बढ़ावा दिया है। ऐसे में मेरा सपना है कि मैं कानपुर में फिल्म सिटी बनाऊं जहां स्थानीय कलाकार भी आसानी से कम कर अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने रख सके। क्योंकि मैं मुंबई में देखा है कि वहां स्ट्रगल करना आसान नहीं है। हमारे प्रदेश में अच्छे-अच्छे प्रतिभाशाली कलाकार हैं लेकिन मुंबई में स्ट्रगल करना उनके बस की नहीं है। ऐसे में अच्छी प्रतिभा कहीं दबकर रह जाती है। इसलिए मैंने कानपुर में मुंबई जैसा फिल्म सिटी तैयार करने का सपना देखा है और उसके प्रयास के तहत कानपुर के ही अभिनेता राजू श्रीवास्तव जी के जरिए उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भी संवाद करने की कोशिश की है। हालांकि राजू श्रीवास्तव जी बाद में बीमार पड़ गए लेकिन हम आगे भी इस प्रयास को जारी रखेंगे।
सवाल : आप कानपुर जैसे छोटे शहर से आते हैं, ऐसे ही छोटे शहरों से फिल्म इंडस्ट्री में अपना कैरियर देखने वाले युवाओं के लिए आपका संदेश क्या होगा?
रविंद्र टुटेजा : सबसे पहले तो नए लोगों को अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसकी पूर्ति में पूरे लगन के साथ लग जाना चाहिए। क्योंकि खूबसूरत चेहरा और आकर्षक शरीर से ज्यादा की प्रतिभा मायने रखती है। जब आप इंजीनियरिंग और मेडिकल करने भी जाते हैं तब वहां भी आपको पूरी लगन के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने में लग जाना होता है इस तरह अभिनय या फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी आपको पूरा समय देना चाहिए। क्योंकि आज के दिनों मे इंडस्ट्री बहुत बड़ी हो गई है और यहां पर संभावनाएं भी बेहद है ऐसे में जरूरत है स्किल्ड वर्क की, जिसके लिए आपको खूब मेहनत करनी पड़ेगी।