पटना। उद्योग विभाग के तत्वावधान में पटना के ज्ञान भवन में बिहार एमएसएमई कनेक्ट 2023 कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमीर सुबहानी, भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव बी बी स्वैन तथा उद्योग विभाग बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने किया। कार्यक्रम में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विनीत कुमार, भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक शिव ओम दीक्षित, उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित तथा सभी प्रमुख बैंकों के उच्च अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि बिहार में लघु एवं मध्यम उद्योग सेक्टर काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और बिहार सरकार की अनेक योजनाएं हैं जिनका विशेष महत्व है। लघु एवं मध्यम उद्यमों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं में विश्वसनीय होती हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बैंकों ने पीएमईजीपी और पीएम एफएफएमई कार्यक्रमों को लागू करने में अच्छा सहयोग दिया। बिहार के समग्र विकास के लिए एमएसएमई मंत्रालय से हमें अधिक फंड और अधिक योजनाओं की आवश्यकता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव बी बी स्वैन ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों का योगदान लगभग 30% है भारत के कुल निर्यात में लगभग 45% योगदान सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों का है। कृषि क्षेत्र के बाद सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र भी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र ही है। हमारी योजना है कि अगले 10 वर्षों में इस सेक्टर में करीब 30 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं ।
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि एमएसएमई उद्यमियों के लिए कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छोटे उद्योग से प्रारंभ करने वाले उद्यमियों की हौसला अफजाई करना है। सरकार और बैंकों से प्राप्त सुविधाओं का उपयोग करके सूक्ष्म लघु और मध्यम आकार की औद्योगिक इकाइयां तेजी से आगे बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 10 लाख रुपया तक की सहायता पाने वाली कुछ औद्योगिक इकाइयों का कारोबार अब करोड़ों में भी पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत करीब 29000 लोगों को उन्नीस सौ करोड़ की राशि वितरित की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में योजना के तहत उद्यमियों को 1500 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम क्रियान्वयन में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बैंकों और उनकी शाखाओं को पुरस्कृत किया गया।
भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक शिव ओम दीक्षित, पंजाब नेशनल बैंक के जोनल हेड पीसी बेहरा, बैंक ऑफ इंडिया की महाप्रबंधक पुष्पा चौधरी, केनरा बैंक के सर्किल हेड श्रीकांत एम भांदीवाद, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम अजय बंसल, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के चेयरमैन सोहेल अहमद, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष आशुतोष कुमार झा और यूको बैंक के धीरज पटवर्धन ने मुख्य सचिव, बिहार सरकार और भारत सरकार के एमएसएमई सचिव से पुरस्कार ग्रहण किया। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक की मधुबनी और औरंगाबाद शाखा, पंजाब नेशनल बैंक के नारदीगंज और नया भोजपुर शाखा, बैंक ऑफ इंडिया के इस्लामिया कॉलेज लक्ष्मीपुर शाखा तथा कटिहार शाखा, केनरा बैंक के बुद्व मार्ग शाखा और बिहटा शाखा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नवादा शाखा और वारसलीगंज शाखा, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के मधुबनी शाखा और मलमलिया मोड़, पश्चिम चंपारण शाखा, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के बिशनपुर, समस्तीपुर शाखा तथा बेन, बिहार शरीफ शाखा तथा यूको बैंक के नवादा शाखा और सोनो, जमुई शाखा को पीएमईजीपी कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए पुरस्कृत किया गया। मौके पर पीएमईजीपी कार्यक्रम के 16 लाभुकों को स्वीकृत ऋण का चेक सौंपा गया।
इससे पहले उद्योग विभाग की ओर से तकनीकी विषयों पर तीन सत्रों में विशेष जानकारी दी गई। चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ. राणा सिंह ने मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर उद्यमियों का मार्गदर्शन किया। उद्यमियों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।