
रिपोर्ट ~ नवीन रॉय
साहिबगंज (झारखंड) : 2 फरवरी 2025
उधवा झील पक्षी अभयारण्य, साहिबगंज जिले में स्थित, झारखंड का पहला रामसर साइट बन गया है। यह अभयारण्य लगभग 65 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और दुर्लभ एवं विलुप्तप्राय प्रजातियों के पक्षियों का आवास है। प्रवासी पक्षियों के लिए यह एक प्रमुख ठिकाना है, जहां हर साल हजारों की संख्या में पक्षी आते हैं।
रामसर साइट का नाम ईरान के रामसर शहर से लिया गया है, जहां 1971 में आर्द्र भूमि संरक्षण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि हुई थी। रामसर साइट के रूप में कोई भी स्थान तभी घोषित किया जाता है जब वह तीन महत्वपूर्ण शर्तों को पूरा करता हो:
- 20,000 से अधिक प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति।
- विलुप्तप्राय प्रजातियों के पक्षियों की मौजूदगी।
- स्थान का प्राकृतिक रूप से संरक्षित होना।
उधवा झील पक्षी अभयारण्य इन सभी शर्तों को पूरा करता है, जिसके परिणामस्वरूप इसे रामसर साइट का दर्जा मिला है।
इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में, आज 2 फरवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस के अवसर पर, अयोध्या में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में साहिबगंज वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रबल गर्ग को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया । रामसर साइट की मान्यता मिलने से अब इस अभयारण्य के संवर्धन और संरक्षण के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों से आर्थिक सहायता भी प्राप्त होगी।
वर्तमान में विश्वभर में 2,400 से अधिक रामसर साइट्स हैं, जिनमें से भारत में 87 शामिल हैं। उधवा झील, झारखंड की पहली रामसर साइट बन गई है, जो राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उधवा झील को पतौड़ा झील के नाम से भी जाना जाता है।