पटना। जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता और विधानपार्षद नीरज कुमार, पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता मंजीत सिंह, पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता राहुल शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा और प्रदेश प्रवक्ता हिमराज राम ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के झंझारपुर दौरे के दौरान दिए गए भाषण पर जमकर निशाना साधा और केंद्रीय मंत्री पर गलत बयानी करने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा केंद्र सरकार अपराध को लेकर एनसीआरबी का डाटा जारी नहीं कर रही है लेकिन केंद्रीय मंत्री यहां आकर अपराध को लेकर राज्य सरकार पर अपराध को लेकर झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमित शाह को बीजेपी शासित राज्यों में हो रहे अपराधों के बारे में भी आंकड़े बताने चाहिए थे।
इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि अमित शाह ने अपने भाषण में मर्याादा पुरुषोत्तम श्री राम और सीता मैया को अलग करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जय श्री राम का नारा लगाने वाले ये फर्जी सनातनी लोग आज झंझारपुर की धरती पर आकर जय सिया राम का नारा लगा रहे हैं। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि दरअसल ये लोग अपनी सुविधा के मुताबिक राजनीति करते हैं और समय के मुताबिक नारों को गढ़ते हैं।
पार्टी प्रवक्ताओं ने बिहार में पर्वों के दौरान छुट्टियों की कटौती के बारे में अमित शाह के बयान पर पलटवार किया और कहा कि आप गुजरात मॉडल के आधार पर देश में चुनाव लड़ते हैं तो फिर उत्तरप्रदेश में छठ की छुट्टी क्यों नहीं दी जाती, तीज के दौरान छुट्टी क्यों नहीं दी जाती, साथ ही अनंत चतुर्दशी की भी छुट्टी क्यों नहीं दी जाती? पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार पर सवाल उठाने से पहले सहकारिता मंत्री को इन सारे सवालों का भी जवाब देना चाहिए।
वहीं पार्टी प्रवक्ताओं ने देश के प्रधानमंत्री पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया और कहा कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री को इस मामले पर भी बोलना चाहिए। उन्होंनें कहा कि एक तरफ कश्मीर में देश के सपूत सेना के जवानों की शहादत हो रही है और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री अपने उपर फूल बरसा रहे हैं, ढोल नगाड़े बजवा रहे हैं लेकिन अमित शाह इस मामले पर कुछ नहीं बोलते। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को मणिपुर की हिंसा पर भी बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज महीनों से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं और आज तक उन्होंने मणिपुर का दौरा तक नहीं किया।