प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली में संशोधन हेतू शिक्षा मंत्री प्रो. डाॅ. चन्द्रशेखर यादव से मिले शिक्षक

प्रधानाध्यापक कि नियुक्ति नियमावली में न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि में पूनः संशोधन हेतु शिक्षकों ने बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. डाॅ. चन्द्रशेखर यादव से उनके आवास पर एक अहम मुलाकात किया। जिसमें मुख्य रूप से डाॅ. पंकज भारती, के. एस. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इसुआपुर, सारण तथा मनोरंजन कुमार, विज्ञान शिक्षक, उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परौना बालक, तरैया सारण द्वारा शिक्षा मंत्री से शिष्टाचार मुलाकात कर उक्त मसले को बुलंदी के साथ रखा गया। जिसे शिक्षा मंत्री द्वारा गंभीरता से लेते हुए आवश्यक सुधार कर लेने तथा जल्द नोटिफिकेशन जारी करने का दृढ़ आश्वासन दिया गया। शिक्षकों का कहना हैं कि प्रधानाध्यापक के लिए नियुक्ति हेतु नियमावली के तहत राज्य सरकार के शिक्षण संस्था में कार्यरत उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि 8 वर्ष एवं माध्यमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि 10 वर्ष होना निर्धारित किया गया था।
परन्तु उक्त नियमावली में सरकार द्वारा न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि में आवश्यक संशोधन करने का निर्णय लिया गया। तदोपरान्त प्रधानाध्यापक के लिए नियुक्ति हेतू नियमवाली में संशोधन कर उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि 4 वर्ष एवं माध्यमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि 8 वर्ष होना निर्धारित किया गया है। जहाँ एक ओर उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि को 8 वर्ष से घटाकर 4 वर्ष यानी 50 प्रतिशत कि कमी करने की बात की गई वहीं दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि 10 वर्ष से घटाकर 8 वर्ष यानी मात्र 20 प्रतिशत कि कमी करने की बात की जा रही है।
इस प्रकार न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि में माध्यमिक शिक्षकों के प्रति भेद भाव एवं असमान प्रक्रिया के तहत संशोधन से हजारों-हजार माध्यमिक शिक्षक जो प्रधानाध्यापक के लिए चयन हेतु योग्यता
रखते हैं। वे प्रधानाध्यापक के लिए आवेदन करने से वंचित रह जायेगें, जिससे उनके शिक्षण कार्य के प्रति उत्साह और मनोबल कमजोर एवं प्रभावित होगा।
अतः उक्त शिक्षकों की पुरजोर मांग हैं कि, प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली में उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों कि भांति समान प्रक्रिया के तहत माध्यमिक शिक्षकों के लिए भी न्यूनतम शिक्षण अनुभव अवधि में पुनः सकारात्मक व अभेद संशोधन कर पूर्व से निर्धारित न्यूनतम शिक्षण अविध में 50 प्रतिशत की कमी यानी 10 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष किया जाए।