- नवमनोनित मंत्री का जदयू कार्यालय में किया गया अभिनंदन। इस अवसर मिला
- मुख्यमंत्री जी ने दशरथ मांझी जी एवं उनके समाज को उचित सम्मान दिलाया :उमेश सिंह कुशवाहा
- जीतन राम मांझी परिवार मोह में बिक सकते हैं लेकिन मुसहर-भुईयां समाज नहीं : रत्नेश सदा
पटना। जदयू मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में माउंटेन मैन के नाम से दुनियाभर में मशहूर दशरथ मांझी की बेटी और दामाद ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की उपस्थिति में जदयू की सदस्यता ग्रहण की।
इस दौरान बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि दशरथ मांझी ने अपने बुलन्द हौसले और दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर पूरे बिहार को गौरवान्वित किया है। उनकी गौरवगाथा हर शब्दों से परे है। आगे उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का सौभाग्य है कि उनके परिवार से जुड़े लोग आज हमारे साथ मिलकर समाज और देशहित में कार्य करने के लिए उत्सुक हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ‘माउण्टेन मैन’ दशरथ मांझी को मीडिया में जितनी जगह मिलनी चाहिए थी, दलित समाज से होने के कारण उन्हें उतनी तवज्जों नहीं दी गई। परन्तु जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें एक बार जनता दरबार के कार्यक्रम में अपनी कुर्सी पर बैठाया तब जाकर देश-दुनिया का ध्यान दशरथ मांझी और उनके ऐतिहासिक कारनामों पर गया। मुख्यमंत्री ने दशरथ मांझी को सही मायनों में उचित सम्मान दिया है।
जदयू के वरिष्ठ नेता सह सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि यह दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज एक इतिहास पुरूष की स्मृति को नमन करने का मौका हमें मिल रहा है। आज देश में असली लड़ाई इतिहास बचाने की है, और इस लड़ाई का नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं। इस चमक धमक की दुनिया में मुख्यमंत्री ने न सिर्फ दशरथ मांझी को याद किया बल्कि उनको सम्मान दिलाने के लिए भी कई निर्णायक प्रयास किए। नीतीश कुमार ने बिहार के लिए जो काम किया है वह आज अपने आप में एक नजीर है। नीतीश कुमार के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर दशरथ मांझी के पुत्र ने आज जदयू की सदस्यता ग्रहण की, पार्टी और प्रदेश के लिए यह एक सुखद खबर है।
नवनियुक्त मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि महादलितों के असली मसीहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। पहले अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग नेता नहीं बनते थे लेकिन मुख्यमंत्री ने पंचायत में आरक्षण देकर दलित/महादलित समाज को लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर दिया।
उन्होंने जीतन राम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को मुख्यमंत्री ने सम्मान दिलाया, उन्हें मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाया उसी जीतन राम मांझी ने बार-बार हमारे नेता नीतीश कुमार के पीठ में छुड़ा घोंपने का काम किया। सन्तोष मांझी का राजनीतिक और सामाजिक जीवन में शून्य भागीदारी रही है, वो बस अपने पिता के बदौलत मंत्री पद हासिल की मगर मैं अपने कर्मों और नीतीश कुमार के आशीर्वाद के बदौलत आज बिहार का मंत्री बना हूं।
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि पर्वत पुरूष दशरथ मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश और दुनिया में पहचान दिलाने का काम किया। आज जो लोग खुद को पूर्व मुख्यमंत्री होने का दावा करते हैं, असलियत में उनके पास न तो मुख्यमंत्री बनने की हैसियत थी और न ही काबिलियत। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना था कि वो एक महादलित समाज के बेटे को मुख्यमंत्री बनाये लेकिन बदले में उन्होंने व्यक्तिगत फायदे के लिए हमारे नेता नीतीश कुमार के साथ छल करने का काम किया।
इस मौके पर पार्टी की सदस्यता लेने वाले पर्वत पुरूष दशरथ मांझी के दामाद मिथुन मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुशहर व भुईयां समाज को जो सम्मान दिया है, उसका कर्ज कभी चुकता नहीं किया जा सकता है। इससे पहले हम लोग किसी पार्टी के सदस्य नहीं लेकिन जीतन राम मांझी के द्वारा समाज को बेचने का काम किया जा रहा है इसी से आहत होकर हमलोगो ने पूरे परिवार के साथ जदयू की सदस्यता ग्रहण की।
मंच का संचालन मुख्यालय प्रभारी चन्दन कुमार सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से वित्तमंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, पूर्व मंत्री सन्तोष कुमार निराला, विधान पार्षद सजंय गांधी, मुख्यालय प्रभारी वासुदेव कुशवाहा, सतेन्द्र गौतम मांझी, हुलेश मांझी, मुन्ना चौधरी, दीपक रजक, जाॅर्ज मांझी, शिव कुमार मांझी, अजीत शर्मा, शत्रुध्न पासवान मौजूद रहे।