
रिपोर्ट ~ चुन्नु सिंह
राजमहल, 30 मई 2025
मॉडल कॉलेज, राजमहल में शुक्रवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायक व विचारोत्तेजक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में पत्रकारिता के मूल्यों, उसके ऐतिहासिक, सामाजिक और नैतिक पहलुओं पर गहन चर्चा हुई। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्राचार्य डॉ. सिंह ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में पत्रकारिता को लोकतंत्र का सशक्त स्तंभ बताते हुए कहा, “पत्रकारिता केवल सूचना देने का माध्यम नहीं, यह समाज का मार्गदर्शक है। सत्यता, निष्पक्षता, साहस और सकारात्मक दृष्टिकोण इसके मूल आधार हैं।” उन्होंने हिंदी पत्रकारिता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए ‘उदंत मार्तंड’ के 1826 में प्रकाशन को एक क्रांतिकारी शुरुआत बताया।
कार्यक्रम को समकालीन संदर्भों से जोड़ते हुए डॉ. सिंह ने नशा मुक्ति की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “नशा युवा शक्ति को खोखला करता है। यदि हमें राष्ट्र का भविष्य सशक्त बनाना है, तो युवाओं को नशे से दूर रखना होगा। कॉलेज का कर्तव्य है कि वह शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक चेतना और चरित्र निर्माण पर भी बल दे।”
हिंदी विभाग के प्रवक्ता डॉ. अमित कुमार ने पत्रकारिता के शैक्षणिक और व्यावहारिक पक्षों की चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह जनसंचार आज एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है और पत्रकारों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां हैं।
डॉ. रमजान अली ने अपने प्रेरक संबोधन में पत्रकारिता को लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ बताते हुए कहा, “एक संवेदनशील और जिम्मेदार पत्रकार समाज को दिशा देने में समर्थ होता है। आज जरूरत है कि हम पत्रकारिता में नैतिकता और सामाजिक प्रतिबद्धता को सर्वोच्च स्थान दें।”
कार्यक्रम में विचार-विमर्श, संवाद और प्रेरणा का अद्भुत समन्वय देखने को मिला। छात्र-छात्राओं ने पत्रकारिता की ऐतिहासिक और सामाजिक भूमिका को समझते हुए अपने विचार भी साझा किए। आयोजन के अंत में सभी ने नशा से दूर रहने और समाज में जागरूकता फैलाने की सामूहिक शपथ ली।
इस अवसर ने न केवल विद्यार्थियों को पत्रकारिता की गहराई से परिचित कराया, बल्कि उन्हें एक जागरूक नागरिक बनने की प्रेरणा भी दी। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट रूप से उभरा कि सकारात्मक पत्रकारिता ही एक सशक्त लोकतंत्र की रीढ़ होती है। इस अवसर पर डॉक्टर विवेक कुमार भी उपस्थित थे।