पटना एम्स देश का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल जहां तेजी से हर तरह के चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो रहा : निदेशक डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल
पटना एम्स के कार्यवाहक निदेशक डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल के एक साल पूरा होने पर सीएम कार्यक्रम का आयोजन
देश के नामचीन चिकित्सकों ने एम्स निदेशक के एक साल के कार्यकाल को सराहा
पटना। एम्स में मरीजों को काफी तेज गति से हर तरह की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन गया. पटना एम्स अस्पताल में फैकल्टीज की कमी को लगभग पूरा कर लिया गया है. कई विभागों में विस्तार किया गया है .ऐसे कई विभाग जहां फैकल्टी की कमी थी उन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है. अब मरीजों को काफी कम समय में सर्जरी की सुविधा भी मिल जा रही है. मसलन लोगों को एम्स में सर्जरी और जांच के लिए लंबा समय नहीं इंतजार करना पड़ रहा है . ऐसा कहना है पटना एम्स के कार्यवाहक निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल का. सोमवार को डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल के पटना एम्स में एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर एक सीएमई का आयोजन भी किया गया. पटना एम्स में आयोजित कार्यक्रम में देश के नामचीन चिकित्सकों ने पटना एम्स के कार्यवाहक निदेशक डॉ गोपाल कृष्ण पाल के द्वारा एम्स पटना में एक साल के भीतर किए जा रहे विकास कार्यों को काफी सराहा गया.
सोमवार को कार्यकारी निदेशक एम्स पटना डॉ. (प्रो.) गोपाल कृष्ण पाल के प्रथम वर्ष के पूरा होने पर, पूर्वाह्न में वृक्षारोपण कार्यक्रम और दोपहर में “एम्स पटना में स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को सशक्त बनाना” विषय पर एक सीएमई आयोजित की गई. पिछले एक वर्ष में संस्थान की उपलब्धियों पर एक वृत्तचित्र भी जारी किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि, कार्यकारी निदेशक एम्स भुवनेश्वर, डॉ. (प्रो.) आशुतोष विश्वास ने किया. उन्होंने पटना एम्स में हो रहा है विकास कार्यों की जमकर तारीफ की. आगे कहा कि जितनी तेजी से यहां मरीजों को हर तरह की सुविधाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है यह बड़ा अनुकरणीय कदम है
डॉ. राजीव कुमार सिंह प्रोफेसर और एचओडी, फिजियोलॉजी विभाग, पीएमसीएच, पटना, अध्यक्ष एसएसी और सदस्य आईजी/आईबी एम्स पटना, प्रोफेसर टीएन सिंह ,निदेशक, आईआईटी पटना सदस्य आईजी/आईबी, एम्स पटना, डॉ माधवानंद कर कार्यकारी निदेशक (ईडी) (प्रभारी) एम्स जोधपुर और ईडी एम्स दरभंगा और डॉ मनीष मंडल, उप निदेशक प्रशासन सह चिकित्सा अधीक्षक, आईजीआईएमएस पटना ने अपने विचार व्यक्त किए.
निदेशक एम्स ने कहा की रोलिंग विज्ञापन के माध्यम से संकाय भर्ती दो चरणों में की गयी .नवंबर 2022 से अबतक 305 स्वीकृत पदों में से कुल 223 संकाय वर्तमान में एम्स पटना में है. अब केवल 82 फैकल्टी की कमी है, जो सभी एम्स में से फैकल्टी की सबसे कम कमी है. अब 20 ऑपरेशन थियेटर चालू कर दिये गये हैं . इसलिए विभिन्न विभागों की सर्जरी के लिए प्रतीक्षा समय काफी कम हो जाता है. पंजीकरण काउंटरों की संख्या बढ़ाने से मरीजों पंजीकरण कराने में सुविधा हो रही है. एबीएचए-लिंक पंजीकरण को बढ़ाकर काउंटर में मरीजों के पंजीकरण की सुविधा प्रदान की गई है. एम्स पटना देश का दूसरा सबसे अच्छा एम्स है जिसके पास सबसे ज्यादा एबीएचए-लिंक रिकॉर्ड हैं और एबीडीएम-लिंक्ड स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए यह देश के सर्वश्रेष्ठ 7 अस्पतालों में से एक है. नर्सों की संख्या में वृद्धि के साथ, डॉक्टर-रोगी अनुपात और नर्स-रोगी अनुपात में काफी सुधार हुआ है. अस्पताल में समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन सुविधाओं में भारी वृद्धि हुई है. इसलिए एम्स पटना को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अस्पताल 2023 में शीर्ष 90 अस्पतालों में से एक के रूप में स्थान दिया गया है. यह एक अमेरिकी आधारित समाचार एजेंसी न्यूजविक स्टैटिस्टा द्वारा आयोजित एक स्वतंत्र विश्लेषण है. चिकित्सा शिक्षा विभाग शुरू हो गया है, जो विशेष रूप से अस्पताल में पेशे और नैतिक अभ्यास के विभिन्न पहलुओं में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के प्रशिक्षण के लिए है.छात्रों के लिए आउटडोर स्टेडियम के रूप में एक आउटडोर खेल परिसर स्वीकृत किया गया है और निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जो एक साल में पूरा हो जाएगा. खेल स्टेडियम में क्रिकेट, वॉलीबॉल, फुटबॉल, टेबल टेनिस, लॉन टेनिस सहित कई अन्य खेल गतिविधियों की व्यवस्था होगी. योग चिकित्सा की सुविधाओं के साथ योग विभाग प्रक्रिया में है, जो गैर-संकाय भर्ती के माध्यम से योग चिकित्सा अधिकारी और योग प्रशिक्षक की भर्ती होने के बाद अक्टूबर महीने से काम करना शुरू कर देगा. बर्न हॉस्पिटल का काम पूरा होने वाला है और सितंबर महीने में इसका उद्घाटन किया जाएगा.लगभग 280 उच्च स्तरीय आईसीयू बेड वाला क्रिटिकल केयर अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया में है.यह 2 साल में पूरा कर लिया जाएगा. न्यूरोलॉजी और कार्डियोलॉजी विभाग जो संकाय की अनुपलब्धता के कारण बंद हो गए थे, उन्होंने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया है. नेफ्रोलॉजी एवं नियोनेटोलॉजी विभाग डीएम प्रोग्राम के साथ पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया .
ट्रॉमा सर्जरी, गैस्ट्रो में छह साल का एकीकृत एमसीएच पाठ्यक्रम एम्स पटना में सर्जरी और कार्डियो थोरेसिक सर्जरी शुरू की गई है.क्लिनिकल और इंटरवेंशनल फिजियोलॉजी में एक नया डीएम पाठ्यक्रम एम्स पटना में शुरू हो गया है.एम्स पटना में एक अनुसंधान प्रभाग बनाया गया है डीन (रिसर्च) का पद, फैकल्टी का पद सृजित(अनुसंधान), उप-डीन (अनुसंधान) अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने के लिए एम्स पटना में गतिविधि और अनुसंधान की गुणवत्ता सुनिश्चित करना संस्थान में काफी सुधार हुआ है.