चंद्रयान 3 की लैंडिंग के इतिहास में खगौल के युवा वैज्ञानिक पीयूष कुमार गौरव भी शामिल
फ्लाइट डायनामिक्स चंद्रयान 3 में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत है,पीयूष

लालमोहन महाराज
मुंंगेेर । इसरो द्वारा चंद्रयान-3 का सफल लैंडिंग चांद के दक्षिण ध्रुव पर हुआ है, ऐसा करने वाला भारत विश्व में पहला देश है । यह क्षण भारतीयों के लिए बहुत ही गर्व की बात है ।इस मिशन में मुंगेर जिले के पत्रकार सह भारतीय पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष लालमोहन महाराज का फुफेरा भाई पटना जिले के खगौल ,आनंदपुरी थाना रोड निवासी प्रेमनाथ शर्मा के 34 वर्षीय पुत्र पीयूष कुमार गौरव वर्तमान में इसरो में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं।इन्होंने इस मिशन में काम किया है। बहुत ही तन्मयता और मेहनत से कार्य किया है ।इसकी मेहनत रंग लाई और चंद्रयान 3 मिशन सफल हुआ ।समस्त वैज्ञानिकों एवं देशवासियों के लिए यह गौरव का क्षण है।
पीयूष कुमार गौरव बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी तेज थे । पटना के संत करेंस स्कूल में पढ़ाई करने के बाद वह प्लस टू की पढ़ाई कोटा में पूरी की। वहीं से आईआईटी की तैयारी की और फिर वहां से आई आई एस टी की पढाई तिरुवंतपुरम में पूरी कर वह इसरो में चन्द्रायान-3मिशन में पूरी तन्मयता से काम किया। 12 वर्षों से इसरो में फ्लाइट डायनामिक्स चंद्रयान 3 में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत पीयूष कुमार गौरव कहते हैं कि यह क्षण अत्यंत आनंदित करने वाला है तथा इसरो ने वर्षों की मेहनत पर सफलता का परचम लगाया है। परंतु पीयूष कुमार गौरव का यह सफर वैज्ञानिक बनने के लिए मुश्किलों से भरा रहा। पीयूष कुमार ने बताया कि बचपन से वैज्ञानिक बनने का सपना ,दृढ़संकल्प व मेहनत पूर्वक किए गए कार्य का परिणाम है। पीयूष ने इस सफलता का श्रेय माता संगीता शर्मा व पिता प्रेमनाथ शर्मा सहित पूरे परिवार को दिया है । चंद्रयान-3 का सफल लैंडिंग में पीयूष कुमार गौरव के योगदान एवं सफलता पर इनकी माता संगीता शर्मा ,पिता प्रेमनाथ शर्मा, छोटे भाई शिपिंग मर्चेंट नेवी के सेकंड ऑफिसर प्रशांत गौरव, पत्नी अंकिता कुमारी ,पुत्र इवान अगस्त्य समस्त शहर वासी एवं मित्र बधाई दे रहे हैं और आगे ऐसे ही देश के लिए खूब मेहनत करने की कामना कर रहे हैं।