बिहार

नन्द किशोर यादव की जीवनी पर आई किताब ‘बुलंद आवाज’ का सम्राट चौधरी ने किया विमोचन

पटना । भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव पर लिखी किताब “बुलंद आवाज़” का लोकार्पण ,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने किया। विद्यापति भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में सम्राट चौधरी के साथ नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी , पाटलिपुत्र संसद रामकृपाल यादव, शहनवाज़ हुसैन बांकीपुर विधायक नितिन नवीन, कुमरार विधायक अरुण सिन्हा ,पटना की मेयर सीता साहू, डिप्टी मेयररेशमी कुमारी, सहित कई बड़े नेता उपस्थित रहे।

इस मौके पर बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नंदकिशोर यादव के द्वारा किए गए कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दिये और किए गए कार्यों की सराहना भी किए । वहीं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जो कद नंदकिशोर यादव का है उससे बिहार के कई नेताओं को प्रेरणा मिलती है। संगठन से लेकर पार्टी तक नंदकिशोर का जो योगदान है वह कभी भुलाया नहीं जा सकता। हर वक्त इन्होंने पार्टी को मजबूत किया है। नंदकिशोर यादव कभी विद्रोही नहीं रहे हैं। कई मौके आए जब नंदकिशोर यादव का नाम आगे कर के वापस हटाया गया फिर भी उन्होंने अपनी नाराजगी नहीं जतायी।
नन्द किशोर यादव के राजनीतिक सफ़र पर लिखित इस पुस्तक के लेखक राकेश प्रवीर हैं। जबकि प्रभात प्रकाशन ने इसे प्रकाशित किया है। इस अवसर पर तमाम उपस्थित नेताओं ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता की पुस्तक की जमकर सराहना की।


विमोचन के दौरान लेखक राकेश प्रवीर ने कहा की नंद किशोर यादव ने हमेशा जनता के लिए आवाज़ उठायी है,इसलिए वह मेरे नजर में जन नेता हैं। जिस तरीक़े से यादव तत्परता और तैयारी से सदन में उपलब्ध हर उस अवसर का जनहित के लिए उपयोग किया है उसी तरह यह किताब राजनीतिक के विद्यार्थियों, शोधार्थियों व नवागत जनप्रतिनिधियों के लिए प्रेरणा का काम करेगा।
नन्द किशोर यादव छात्र जीवन में ही 1969 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। जेपी आंदोलन में भी नन्द किशोर यादव सक्रिय रहे। 1971 में वेविद्यार्थी परिषद में सक्रिय हुए। 1974 में जेपी आंदोलन में भाग लिया और पटनासिटी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष बने। 1974 में जेपी के आह्वान पर बी एससी के फाइनल परीक्षा का बहिष्कार किया और जेल भी गए।
नंदकिशोर यादव के पास हर स्तर की राजनीति का अनुभव है। नन्द किशोर यादव 1978 में पटना नगर निगम में पार्षद चुने गए। 1982 में पटना के उप महापौर चुने गए। 1983 में भाजपा के पटना महानगर अध्यक्ष 1990 में पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। 1995 में पटना पूर्वी क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। बिहार भाजपा में नन्द किशोर यादव मजबूत स्थिति में रहे। 1998 से 2003 तक वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वर्ष 2000, 2005 में भी विधायक चुने गए। नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सरकार में पथ परिवहन, पर्यटन, स्वास्थ्य मंत्री रहे। उन्हें बेहतर कामकाज करने वाले मंत्री के रूप में सम्मानित किया जा चुका है। जून 2013 में नीतीश और भाजपा के अलग होने के बाद वे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए।2013 में जब सीएम नीतीश ने एनडीए से हटकर बिहार में सरकार बनाई। उस दौरान नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नंद किशोर यादव ने सदन के अंदर शानदार भाषण दिया था। फ़िलहाल पटनासाहिब से भाजपा विधायक हैं।

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