बिहारराजनीति

देश में अतिपिछड़ों का सबसे बड़ा हिमायती हैं नीतीश कुमार : उमेश सिंह कुशवाहा

बक्सर। बक्सर प्रखंड में बिहार प्रदेश जनता दलयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पार्टी द्वारा प्रदेशभर में आयोजित ‘‘कर्पूरी चर्चा’’ कार्यक्रम का द्वीप प्रज्वलित कर विधिपूर्वक शुभारंभ किया। तत्पश्चात प्रदेश अध्यक्ष ने बक्सर के ही चौसा प्रखंड में आयोजित ‘‘कर्पूरी चर्चा’’ कार्यक्रम में भी भाग लिया।

कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि आज से पूरे बिहार में ‘‘कर्पूरी चर्चा’’ की शुरुआत हो रही है और इसकी शुरुआत के लिए हमनें बक्सर का चुनाव इसलिए किया क्योंकि यहाँ की मिट्टी में स्वाभिमान और संघर्ष कूट-कूट कर भरा है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारों और आदर्शों को जमीन पर उतारने की पहल की है और उनके सपनों को साकार करने की ओर कदम बढ़ाया है। इनके अथक प्रयत्नों से समाज के दलित,अतिपिछड़े, पिछड़े और अन्य कमजोर तबकों में आत्मविश्वास पैदा हुआ। न्याय के साथ विकास के लक्ष्य पर पूरी निष्ठा के साथ चलते हुए इन्होंने न केवल जननायक कर्पूरी ठाकुर की समाजवादी दृष्टि को चरितार्थ किया, बल्कि उसे नया आयाम भी दिया।

उमेश कुशवाहा ने कहा जननायक कर्पूरी ठाकुर ने कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिए जो दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और गरीब एवं कमजोर तबकों के जीवन को प्रभावित करने वाले थे। हमारे लिए गौरव का विषय है कि उनके काम को आगे बढ़ाने और विस्तारित करने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं। 2005 में शासन में आने के बाद अगले ही वर्ष 2006 में मुख्यमंत्रीफ नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ा वर्ग आयोग का पहली बार गठन किया और अतिपिछड़ों के लिए 2006 में पंचायती राज तथा 2007 में नगर निकाय में आरक्षण का प्रावधान किया, अतिपिछड़ा वर्ग के विकास के लिए शिक्षा के क्षेत्र में मैट्रिक तक विद्यालय छात्रवृत्ति योजना, अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना, जननायक कर्पूरी ठाकुर कल्याण छात्रावास, मुख्यमंत्री पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कौशल विकास योजना, छात्रावास अनुदान योजना तथा छात्रावासों में खाद्यान्न आपूर्ति आदि योजनाएं चल रही हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पुरजोर कोशिश की थी कि बिहार में जातीय गणना नहीं हो लेकिन सत्य की जीत हुई और पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना को सही ठहराया। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद जातीय गणना का काम फिर जोरशोर से शुरू चुका है। श्री कुशवाहा ने कहा कि हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि पूरे देश में अतिपिछड़ों का नीतीश कुमार से बड़ा हिमायती कोई और नहीं। अवसरवादी और समाज में विभेद पैदा करने वाली ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने और बड़ा लक्ष्य पाने के लिए हमें अतिपिछड़ा समाज को अलग-अलग जातियों के रूप में नहीं बल्कि एक सामूहिक शक्ति के रूप में देखना होगा। हमारे नेता ने अपने 18 वर्षों के कार्यकाल में बिहार का कायाकल्प करके दिखाया। अब यहां से हमें उन्हें इतनी ऊर्जा और ताकत देनी है कि वे राष्ट्रीय राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाएं।
कुशवाहा ने अंत में कहा कि ‘‘कर्पूरी चर्चा’’ के माध्यम से हमें अपनी सामाजिक एकजुटता और राजनीतिक जागरुकता का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विचारों और कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना है और 2024 के लोकसभा एवं 2025 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक सफलता हासिल करने का संकल्प लेना है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक ललित मंडल, पूर्व मंत्री अजीत कुमार चौधरी, विधानपार्षद राधा चरण साह, प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र चंद्रवंशी मौजूद थे।

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