पटना। लखीसराय में जदयू द्वारा ‘‘जननायक कर्पूरी चर्चा’’ सह जाति आधारित गणना के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति धन्यवाद प्रकट करने हेतु ‘‘आभार कार्यक्रम’’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह ‘‘ललन’’ ने कहा कि बिहार में पहली बार जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अतिपिछड़ा समाज को पहचान दी। उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का उन्होंने पुरजोर प्रयास किया। हमें उनके साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है इसलिए हमें पता है कि उनके दिल में अतिपिछड़ों के लिए क्या जगह थी और कर्पूरी ठाकुर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ों के लिए ऐतिहासिक और बेजोड़ काम किया, जिसका परिणाम हमारे सामने है।
साथ ही उन्होंने कहा कि पहले टाल और दियारा क्षेत्र में आधारभूत संरचना के नाम पर कुछ भी नहीं था। बाढ़ आने पर यहां के लोगों का जीवन नरक की तरह हो जाता था। न बिजली थी, ना शौचालय था और ना घर था लेकिन आज दियारा और टाल के हर गांव, हर टोले और हर मोहल्ले में बुनियादी सुविधाएं की सरंचना मजबूत हुई है और इसका श्रेय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को अतिपिछड़ा समाज का बेटा कहा था लेकिन हम उन्हें आज चुनौती देते हैं कि वह खुद को अतिपिछड़ा साबित करके दिखाएं। नीतीश कुमार के साथ खड़ी अतिपिछड़ा समाज को गुमराह करने के लिए उन्होंने खुद को अतिपिछड़ा जाति से जोड़ा, लेकिन उनकी यह कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी। भाजपा का काम सिर्फ झूठ की खेती करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के युवाओं को प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरी देने का और हर व्यक्ति के खाते में 15 लख रुपए भेजने का भी वादा किया था। लेकिन भाजपा बताएं की क्या यह वादा पूरा हुआ?
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बिहार के की शोषित, वंचित और गरीब वर्ग को सशक्त बनाने के लिए नीतीश कुमार ने जातीय गणना करवाने का फैसला किया था। लेकिन भाजपा के लोग जातीय गणना के नाम पर आज कल जनता में भ्रम फैला रहे हैं। अगड़ा और पिछड़ा के नाम पर समाज को बरगलाने की कोशिश हो रही है। लेकिन हकीकत यह है कि जातीय गणना के साथ-साथ आर्थिक सर्वेक्षण भी हुआ है। आर्थिक रूप से कमजोर हर जाति के लोगो को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार योजनाएं बनाएगी। बिहार की जनता यह भी जानती है कि भारतीय जनता पार्टी के लोगो ने पटना हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जातीय गणना को रोकने के लिए याचिका दायर किया था लेकिन उनकी कोशिश विफल रही। श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। युवाओं को नौकरी देने के मामलें में आज बिहार अव्वल है। लेकिन माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार के नाम पर देश के युवाओं को ठगने का काम किया है। इन दस वर्षों में केवल चंद पूंजीपतियों को रोजगार दिया गया है।