•हत्या सहित कई संगीन आपराधिक मामलों में थी उसकी तलाश
•एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन के निर्देश पर झाझा एसडीपीओ रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में गठित की थी स्पेशल टीम
जमुई। कुख्यात नक्सली कारू यादव को जमुई पुलिस ने सिमुलतल्ला थाना के लोहा गांव से गिरफ्तार कर लिया है। उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे।
कई आपराधिक कांडों का मास्टर माइंड कुख्यात अपराधी सिमुलतल्ला थाना के लाहा गांव निवासी कारू यादव को जमुई पुलिस ने झारखड के गुमला से गिरफ्तार कर लिया है। एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन के निर्देश पर झाझा एसडीपीओ रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम लगातार कारू यादव की गतिविधियों पर नजर रखते हुए सही मौके की तलाश में थी। जैसे ही पुलिस को सूचना मिली कि कारू यादव गुमला में छिपा हुआ है स्पेशल टीम हरकत में आ गयी। इस स्पेशल टीम में चकाई थानाध्यक्ष अखिलेश्वर प्रसाद, और चंद्रमंडीह थानाध्यक्ष ध्रुव कुमार शामिल थे। गठित टीम द्वारा जिला पुलिस रायगढ़ एवं जांजगीर चंपा छत्तीसगढ़ तथा जिला पुलिस गुमला के सहयोग से छापेमारी कर गुमला से जयप्रकाश यादव उर्फ कारू यादव को गिरफ्तार किया गया। कारू यादव के खिलाफ की गई इस कार्रवाई की विस्तृत जानकारी एसपी डाक्टर शौर्य सुमन ने पत्रकारों को दी। जयप्रकाश यादव उर्फ कारू यादव के ऊपर देवघर, बूढै थाना,देवीपुर, जसीडीह, चंद्रमंडीह,चकाई, सिमुलतल्ला,झाझा थाना में आर्म्स,बमबारी,हत्या ,लूट समेत कई संगीन मामले दर्ज हैं। कारू यादव बार-बार अपना लोकेशन बदल रहा था जिससे वह पुलिस की गिरफ्त से बच जाता था, लेकिन आखिरकार पुलिस की चपेट में आ ही गया।
एसपी डाक्टर शौर्य सुमन ने बताया कि टीम में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारियों को पुरस्कृत सम्मानित किया जाएगा।
बता दें कि चकाई प्रखंड कार्यालय के समीप पंचायत चुनाव में 5 मार्च 2016 को अपनी पत्नी का नामांकन कराने आये तत्कालीन पैक्स अध्यक्ष अर्जुन यादव की बम मारकर हत्या कर दी थी। वर्ष 2015 में चर्चित अपराधी विवेका यादव की मंझली गांव में तथा वर्ष 2017 में जसीडीह थाना में पेट्रोल पंप से सटे एक चिमनी भट्ठा में मजदूर नंदकिशोर मंडल की हत्या में भी कारू की संलिप्तता सामने आई थी। वहीं हाल में अपराधी मंटू यादव के साथ मिलकर देवघर में जमीन व्यवसायी लक्ष्मी यादव की बम मारकर हत्या कर सनसनी फैला दी थी। इस घटना के बाद पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए जुटी हुई थी। करीब एक माह पूर्व कारू का साथी कुख्यात मंटू यादव की गिरफ्तारी के बाद से वह पुलिस से बचने के लिए वह झारखंड और छत्तीसगढ़ की बॉर्डर पर रह रहा था।