आलोक नंदन शर्मा,पटना। मणिपुर में महिलाओं की नग्न परेड की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आवाज बुलंद करके डॉ विनोद शर्मा भारतीय जनता पार्टी छोड़ने वाले देश के पहले नेता बन गए हैं। बिहार में प्रवक्ता के तौर पर वह भाजपा की नीतियों और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की लगातार वकालत कर रहे थे। मणिपुर की घटना को लेकर के जिस तरह से उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर प्रश्न लगाया है उससे बिहार भाजपा के उच्च स्तर के कई नेता भी सकते में हैं। ऐसे समय में जब बिहार में भाजपा को सबसे बड़ी चुनौती महागठबंधन की ओर से मिल रही है डॉ. विनोद शर्मा का अचानक पार्टी से निकल जाना निश्चित तौर पर भाजपा के लिए एक बड़ा आघात है। भाजपा को यह डर सताने लगा है कि डॉ. विनोद शर्मा के तर्ज पर ही शीर्ष नेतृत्व से नाराज कुछ और नेता भी भाजपा छोड़कर ना चले जाएं।
डॉ.विनोद शर्मा का भारतीय जनता पार्टी से निकल जाना पार्टी के लिए खतरे की घंटी है। मणिपुर की घटना पर भारतीय जनता पार्टी के नेता भी शर्मसार है,लेकिन वे लोग इस पर खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर विनोद शर्मा उनके लिए एक उदाहरण साबित हो सकते हैं। और यदि ऐसा होता है तो भाजपा निश्चित तौर पर अंदर से दरकने ने लगेगी। बेटियों की सुरक्षा देश का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है। और भाजपा के कई नेता भी दबी जुबान से इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि देश में बेटियों को सुरक्षा प्रदान करने में केंद्र की मोदी सरकार असफल साबित हो रही है, मामला चाहे पहलवान महिलाओं के शोषण का हो फिर मणिपुर में महिलाओं को नग्न परेड कराने का। बेटियों के सुरक्षा के मसले पर सवाल करने पर भाजपा के नेता बगले झांकने लगते हैं।
प्रवक्ता सहित भारतीय जनता पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद डॉ. विनोद शर्मा अब बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा की लड़ाई लड़ने की तैयारी में है। इस्तीफा देते हुए उन्होंने साफ तौर पर लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने की वजह से वह खुद को कलंकित महसूस कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी मणिपुर में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पर पूरी तरह से खामोश रही, अभी तक वहां के मुख्यमंत्री को भी बर्खास्त नहीं किया गया है और ना ही इस मामले में कोई गंभीर कार्रवाई की उम्मीद ही दिख रही है। ऐसे में उनका भारतीय जनता पार्टी के साथ बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।
डॉ. विनोद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि उनके अंदर जवाबी इंसानियत बची है तो वह मणिपुर के मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह को बर्खास्त करें या फिर खुद अपने पद से इस्तीफा दे दें। उन्होंने इस्तीफा देते हुए आगे लिखा है कि राष्ट्रप्रेम,बेटी बचाओ और सनातन धर्म का झांसा देने वाली भाजपा के साथ जुड़ने की वजह से मैं खुद को कलंकित महसूस कर रहा हूं।
डॉ. विनोद शर्मा बताया कि फिलहाल उनका अन्य किसी राजनीतिक दल में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है और ना ही किसी राजनीतिक दल से उनके पास शामिल होने का ऑफर आया है। उन्होंने कहा कि वह देश में बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए काम करते रहेंगे।