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एलायंस  के लगभग सभी दल परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण में आकंठ डूबे हुए हैं: जगत प्रकाश नड्डा

पटना। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बापू सभागार, पटना में बिहार भाजपा के भीष्म पितामह कैलाशपति मिश्र की 100वीं जयंती के अवसर पर आयोजित जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की सीख दी। उन्होंने कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा का शिलान्यास भी किया।

ज्ञात हो कि श्री नड्डा आज एक दिवसीय प्रवास पर पटना में हैं, जहां वे कई संगठनात्मक बैठकें भी करने वाले हैं। इसके पहले आज उनका लोकनायक जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत किया गया। इसके पश्चात हवाई अड्डा से बापू सभागार (पटना) तक जाने के क्रम में जगह-जगह पार्टी कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय जनता द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।

बापू सभागार कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी, बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद रवि शंकर प्रसाद, सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सहित कई पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

श्री नड्डा ने सर्वप्रथम श्रद्धेय कैलाशपति मिश्र जी की जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर उन्हें अपनी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि श
कैलाशपति मिश्र पार्टी की प्रथम पीढ़ी और प्रथम पंक्ति के नेता थे। उन्होंने अपना बाल्यकाल आजादी के लड़ाई में ‘अंग्रेजों। भारत छोड़ो’ आंदोलन में लगाया। 1945 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रचारक के रूप में अपना जीवन संघ को समर्पित कर दिया। Chip एवं जन संघ के विस्तार के लिए और बाद में भारतीय जनता पार्टी के लिए उन्होंने अपना सब कुछ अर्पित कर दिया।

उन्होंने कहा कि कैलाशपति मिश्र जब राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहे थे, तब उस समय खोने के लिए सब कुछ था लेकिन पाने के लिए कुछ नहीं था। उस दौर में कैलाशपति मिश्र ने अपना सर्वस्व जीवन पार्टी के लिए समर्पित कर दिया। बिहार के संदर्भ में कहे, तो वे बिहार में भारतीय जनता पार्टी के लिए भीष्म पितामह थे। जब राज्य सभा के लिए उनका नाम चयनित किया गया, तब उन्होंने सहज भाव से कहा कि मुझे संगठन में ही रहने दीजिए। दलितों में काम को आगे बढ़ाना है तो रामेश्वर पासवान को राज्यसभा भेजिए।

ऐसी बात सिर्फ भारतीय जनता पार्टी में ही हो सकती है, किसी और पार्टी में नहीं। इसलिए कैलाशपति मिश्र से हमलोगों को प्रेरणा लेकर पार्टी के कामों को मजबूती से आगे बढ़ाना है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुझे याद आता है कि जब मेरी उम्र जब 11-12 साल की थी, तो 1971 का लोक सभा चुनाव हो रहा था। तब कैलाशपति मिश्र पटना लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। वे अक्सर हमारे घर आते थे। दीये की निशान वाली जन संघ की टोपी पहनकर आते थे, वे हमेशा कहते थे कि हम चुनाव जीतेंगे।

जब ये चर्चा होती थी कि हमारी स्थिति अच्छी होगी, किंतु हम जीत नहीं पाएंगे तो वे कहते थे कि हम विचारधारा के लिए लड़ते हैं और समर्पित रहते हैं। यह कोई पूर्ण विराम नहीं है, हम और आगे बढ़ेंगे।

विधानसभा चुनाव के वक्त मैंने उनसे एक सवाल पूछा था कि क्या सभी सीटों पर लड़ेंगे? तब उन्होंने जवाब दिया था कि हमलोग सिर्फ जीतने के लिए चुनाव नहीं लड़ते हैं, बल्कि दीया का निशान घर-घर पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ते हैं।

इन बातों को इसलिए याद कर रहा हूं कि आज हमलोग दुनिया के सबसे बड़ी राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं। हमे याद रखना होगा कि किन महानुभावों ने अपना पूरा जीवन संगठन और पार्टी में लगा दिया और उनकी वजह से भारतीय जनता पार्टी आज यहां खड़ी है।

श्री नड्डा ने कहा कि विचारधारा की बात करें तो कैलाशपति मिश्र अपने आप में एक संस्थान थे। आज यहां उपस्थित हम सब उनके हाथों के बनाए कार्यकर्ता हैं। कैलाशपति मिश्र दलितों के उत्थान के लिए निरंतर काम करते रहे।

आज जातीयता और जाति जनगणना की बात होती है, लेकिन कैलाशपति मिश्र ने सदैव समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ाने का काम किया। मुझे याद है कि बिहार में मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के मंत्रिमंडल में वे वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था। कैलाशपति मिश्र दलितों एवं समाजिक न्याय के लिए निरंतर लड़ते रहे। कैलाशपति ने जिस बात के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, वही बात भारतीय जनता पार्टी की सोच, विचारधारा, कार्य करने का तरीका है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि विकास को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की पंडित दीनदयाल उपाध्याय
की परिकल्पना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साकार कर दिखाया है। महिला आरक्षण की बात करते हुए नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार में दस सालों तक महिला आरक्षण बिल पड़ा रहा, किन्तु कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने इसके लिए कोई कोशिश नहीं की।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार के विशेष सत्र में केवल तीन दिनों के अंदर नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 को पारित कराया और महिला आरक्षण का कानून बनाया। मैं देश की नारी शक्ति को बधाई देता हूं और उनका वंदन करता हूं। आगे चलकर 2029 में लोकसभा चुनाव होगा और 2027 के बाद विधानसभा चुनाव होगा, तब अधिक महिलाएं जीतकर संसद और विधायक बनेंगी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आजकल ओबीसी और पिछड़ा वर्ग की खूब चर्चा हो रही है। देश के शोषित, वंचित, पीड़ित, पिछड़े, दलित,आदिवासी – सबके लिए भाजपा ने लड़ाई लड़ी है। पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए कैलाशपति मिश्र ने लड़ाई लड़ी है। कांग्रेस पार्टी का क्या नैतिक अधिकार है, जो आज ओबीसी के पक्ष में बोल रही है? कांग्रेस पार्टी ने ही काका साहेब कालेलकर की रिपोर्ट को रिजेक्ट कर दिया था। उसके बाद मोरारजी देसाई सरकार में मंडल कमीशन का गठन हुआ।

राजीव गांधी की सरकार दोनों ही रिपोर्ट को दबाकर बैठी रही और कुछ नहीं किया। उसके बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने मंडल कमीशन को लागू किया और पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि 1993 में जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय सर्विस में ओबीसी को आरक्षण होना चाहिए, तब जाकर 1995 से ओबीसी को आरक्षण मिलना शुरू हुआ।

श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार ने पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक दर्जा क्यों नहीं दिया जिस यूपीए की सरकार में लालू यादव भी थे? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने निरंतर ओबीसी समाज की चिंता की है और उन्हें आगे बढ़ाया है। मेरा बिहार से लंबा संबंध रहा है। मैंने बिहार में कांग्रेस नेतृत्व को जन हित को दरकिनार करके समझौता करते देखा है।

कांग्रेस पार्टी हमेशा से जनता के हितों की अनदेखी करके भ्रष्टाचार में लिप्त रही है। मैंने वह भी देखा है कि सामाजिक न्याय का नारा लगाकर सत्ता में आने वाले लोगों ने केवल अपना परिवार, अपना घर और अपना तिजोरी भरने का काम किया है लेकिन जनता के विकास के लिए कोई काम नहीं किया।

भारतीय जनता पार्टी की सरकारों द्वारा बिहार के विकास के लिए उठाये गए क़दमों की विस्तार से चर्चा करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने बिहार को मुख्यधारा में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने बिहार को पहला एम्स पटना में दिया था। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दूसरा एम्स दरभंगा में दिया है जिस पर काम चल रहा है।

उस वक्त मैं केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री था। मैं मुख्यमंत्री नितीश कुमार से एम्स दरभंगा के लिए जमीन मांग-मांग कर के थक गया, किन्तु एम्स दरभंगा के लिए जमीन नहीं मिली। नितीश कुमार कहते थे कि जहां पर मेडिकल कॉलेज है, उसी में एम्स दरभंगा शुरू कर दें लेकिन हमने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है, जमीन चाहिए तब ही एम्स दरभंगा बनेगा।

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार में 5 मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए एक हजार करोड़ रुपये दिए। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के लिए दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा दिया गया। नरेन्द्र मोदी सरकार ने बिहार के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये की राशि दी लेकिन बिहार सरकार और उस सरकार में शामिल पार्टियां ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। ये लोग भाई से भाई को लड़ा रहे हैं, तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। ऐसी सरकार को गुड बाय कहने का और भारतीय जनता पार्टी को सरकार में लाने का समय आ गया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मैं अभी लोकनायक जयप्रकाश नारायण के अवास पर जाउंगा। मेरा बचपन लोकतंत्र को बचाने के उनके संपूर्ण क्रांति में गुजरा था। उस वक्त मैं किसी न किसी बहाने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के घर आया करता था। उस वक्त सुशील मोदी , रवि शंकर प्रसाद सहित कई नेताओं से मुलाकात हुआ करती थी। मुझे याद है कि उस समय लालू यादव और नितीश कुमार भी कदमकुआं का चक्कर लगाया करते थे। आज मैं सोचता हूं क्या से क्या हो गया देखते-देखते? कहां से चले थे और कहां पहुंच गए?

लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंदिरा गांधी की नीतियों और उनके द्वारा देश पर थोपे गए आपातकाल के घोर विरोधी थे। लालू प्रसाद ने अपनी बेटी का नाम मीसा रखा, क्योंकि उस वक्त लालू मीसा के तहत जेल में बंद थे। जिस लालू प्रसाद और नितीश कुमार ने अपनी जवानी विचारधारा की लड़ाई लड़ने के लिए तय किया, आजकल वही लोग इंदिरा गांधी की तीसरी पीढी के साथ गलबहियां कर रहे हैं। सोचता हूं कि राजनीति भी कैसी चीज है? कुर्सी भी कैसी चीज है? समझौता करते-करते आज वे कहां पहुंच गए।

इसी पटना की धरती पर वे सोनिया और राहुल का स्वागत करने के लिए खड़े हो गए। सब लोग देख रहे हैं कि संपूर्ण क्रांति से यात्रा शुरू करके सामाजिक न्याय की बात करतेकरते ये लोग कहां से कहाँ पहुंच गए।
नड्डा ने कहा कि आजकल I.N.D.I. एलायंस की बात हो रही है। यह इंडी एलायंस तीन आधार पर खड़ा है। पहला है परिवारवाद, दूसरा है भ्रष्टाचार और तीसरा है तुष्टिकरण। उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक I.N.D.I. एलायंस की के लगभग सभी दल परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण में आकंठ डूबे हुए हैं।

बिहार में राजद में तो परिवार के अलावे कुछ भी नहीं है। ये लोग एक-दूसरे के परिवार को बचाने में लगे हुए हैं। कांग्रेस में भी कौन है – सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा। यह सब परिवार की पार्टी है। पहले क्षेत्रीय पार्टी बनती है और धीरे-धीरे ये परिवार की पार्टी बन जाती है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार की बात करें तो कांग्रेस पार्टी की यूपीए सरकार में लगभग 12 लाख करोड़ रुपये के घपले-घोटाले और भ्रष्टाचार हुए। इसी तरह INDI गठबंधन में शामिल सभी दलों ने अपनी-अपनी सरकार में राज्यों में जम कर भ्रष्टाचार किया।

लालू यादव के परिवार को देखें तो पिता, माता और बेटा – ये तीनों कल ही जमानत लेकर आए हैं। चारा घोटाला तो इनकी पहचान ही बन चुकी है। ये पार्टियां बस अपने परिवार के बारे में सोचती है, भ्रष्टाचार का पोषण करती है और भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश करती है। आम आदमी पार्टी की बात करें तो कल एक और विकट गिर गया। कल ही उसके एक सांसद संजय सिंह भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं। ये लोग भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए है। ये केवल और केवल भाजपा है जो विकास की राजनीति करती है।

नड्डा ने कहा कि जहां तक ओबीसी कल्याण का सवाल है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में लगभग 4 लाख ओबीसी बच्चों को स्कूल से लेकर मेडिकल कॉलेजों में नामांकन कराया गया। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में 27 ओबीसी मंत्री हैं। भाजपा में ओबीसी के 85 सांसद हैं। कांग्रेस पार्टी के जितने सांसद नहीं हैं, उससे कहीं अधिक भाजपा के तो ओबीसी सांसद हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने सही मायने में सामाजिक न्याय के सिद्धांत को जमीन पर उतारा है। भाजपा के 1358 विधायकों में से 27 प्रतिशत विधायक ओबीसी के हैं। भाजपा के 163 एमएलसी में 40 प्रतिशत एमएलसी ओबीसी समुदाय के है। जितनी भी केंद्र सरकार की योजनाएं चल रही है, चाहे जनधन योजना हो, उजाला योजना, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना – इन सब में सबसे ज्यादा लाभ ओबीसी को मिल रहा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत में सबसे बड़ी जाति गरीबी की है। गरीबों की सच्ची सेवा करने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। पिछले पांच साल में 12 करोड़ से अधिक गरीबों को गरीबी रेखा से निकाल करके मध्यम आय वर्ग में पहुंचाया गया है। नरेन्द्र मोदी सरकार में लगभग 12 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ गए है। देश में अति गरीबी एक प्रतिशत से भी निचले स्तर पर है।

गरीबों का सही मायने में सशक्तिकरण हुआ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में हुआ है। जिन लक्ष्यों के लिए कैलाशपति मिश्र ने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साकार किया है। हमारी ओर से उन्हें अपनी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि बिहार में 2024 में कमल खिलाएं।

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