एनजीटी ने विकास स्टोन वर्क्स के याचिका को किया ख़ारिज,नहीं मिली राहत
हटाना पड़ेगा अब स्टोन क्रशर, ग्रीड क्षेत्र में समाविष्ट क्रशर व माइंस धारियों में मचा हड़कंप
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साहिबगंज (झारखंड)। जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर द्वारा राजमहल के ऐतिहासिक पहाड़ को बचाने व संवर्धन हेतु एनजीटी प्रधान बेंच नई दिल्ली में दायर याचिका संख्या OA- 23/2017 में दिनांक -23.08.22 को पारित आदेश के ख़िलाफ़ राहत पाने के लिए ग्रीड क्षेत्र संख्या – 07 में समाविष्ट सकरीगली के विकास स्टोन वर्क्स ने एनजीटी प्रधान बेंच नई दिल्ली में याचिका दायर की थी।
विदित हो की एनजीटी प्रधान बेंच नई दिल्ली ने सैयद अरशद नसर द्वारा दायर याचिका में दिनांक -23.08.22 को आदेश पारित करते हुए ज़िले को 130 ग्रीड क्षेत्र में बांटा था जिसमें स्टोन क्रशर व माइंस की क्रशरींग व खनन क्षमता निर्धारित कर दी है। जिसके चलते ग्रीड क्षेत्र संख्या – 01,03,04 व 07 में सौ से भी अधिक स्टोन क्रशर व माइंस का सीटीओ व ईसी रहते हुए छंटनी करते हुए ज़िले के उपायुक्त रामनिवास यादव के हस्ताक्षर से ग्रीड क्षेत्र में समाविष्ट स्टोन क्रशर व माइंस धारियों को अपना अपना साजों समान हटा कर काम बंद कर देने का नोटिस बीते नवंबर माह में ही निर्गत हो चुका है।
इसी नोटिस से राहत पाने के लिए विकास स्टोन वर्क्स ने एनजीटी में याचिका दायर की थी जहां इनके अधिवक्ता जांबी पी वर्गीस की दलीलें सुननें के बाद एनजीटी प्रधान बेंच नई दिल्ली के चेयरपर्सन आदर्श कुमार गोयल,जुडिशियल मेंबर सुधीर अग्रवाल व एक्सपर्ट मेंबर ए सेंथिल वेल ने किसी भी प्रकार का राहत देने से इंकार करते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया।एनजीटी के इस आदेश से ग्रीड क्षेत्र में समाविष्ट क्रशर व माईंस धारियों में हड़कंप मच गया है। इस बात की जानकारी साहिबगंज पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर ने मोबाइल पर दी है।