रिपोर्ट ~ चुन्नु सिंह
भागलपुर
कोलकाता में आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पीजी द्वितीय वर्ष की एक 31 वर्षीय मेडिकल छात्रा डॉक्टर मौमिता देबनाथ की पिछले दिनों बलात्कार के बाद जघन्य तरीके से की गई हत्या के विरोध में आज शनिवार को डॉक्टरों की अखिल भारतीय संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर भागलपुर में सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह हड़ताल रहा ।
जिला मुख्यालय स्थित भागलपुर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने जम कर प्रदर्शन और नारेबाजी की । डॉक्टर न्याय की मांग के साथ महिला डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग कर रहे थे । हड़ताल के दौरान कुछ प्रखंडों में केवल इमरजेंसी सेवा जारी रही । वहीं भागलपुर जिला मुख्यालय स्थित जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा भी ठप कर दी । जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में मरीज पहुंच रहे थे । परंतु अस्पताल बंद होने के कारण इधर से उधर भटक रहे थे । शनिवार को हड़ताल के दौरान भागलपुर के तमाम डेंटिस्ट डॉक्टरों ने अपने अपने निजी क्लीनिक भी बंद रखे थे । होम्योपैथिक डॉक्टर्स ने रविवार को अपनी अपनी निजी क्लीनिक बंद करने और आईएमए को समर्थन देने की घोषणा की है । उधर इंडियन फरमासिष्ट एसोसिएशन (IPA) ने पत्र जारी कर आईएमए के हड़ताल के समर्थन देने की घोषणा करते हुवे शनिवार और रविवार को संगठन के लोगों से काली पट्टी लगाने और अपनी अपनी प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की है ।
सबसे दुःखद बात ये दिखी की जिले भर के अधिकांश एलोपैथ के सीनियर डॉक्टर्स के निजी क्लीनिक खुले रहे और वहां वो अपनी निजी क्लीनिक में इलाज करते रहे । भागलपुर में मुख्य सड़कों पर जो सीनियर डॉक्टर्स के क्लिनिक थे वही बंद दिखे । गली मोहल्लों में जिन सीनियर डॉक्टर्स के क्लिनिक थे वहां बेधड़क उनके क्लीनिक चलते रहे । प्रखंडों और अनुमंडलों में तो सीनियर डॉक्टर्स के प्राइवेट क्लीनिक खुलेआम चल रहे थे । प्रखंडों में कहीं भी डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन देखने को नहीं मिला । वहीं जूनियर डॉक्टर भागलपुर में अपने महिला डॉक्टर साथी के इंसाफ के लिए भागलपुर जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज के गेट नंबर एक पर कड़ी धूप में इंकलाब का नारा बुलंद करते रहे ।
“वी वांट जस्टिस” के नारे से पूरा अस्पलाल परिसर गूंज रहा था । हड़ताल के मसले पर डॉक्टरों में मतांतर भी दिखी । कई डॉक्टरों का ऑफ द रिकॉर्ड कहना था की उन्होंने इस बात पर जोर दिया था की जब हम अपने एक साथी डॉक्टर के जघन्य हत्या पर एक दो दिन अपनी निजी क्लीनिक नहीं बंद कर सकते तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और शर्म की बात हम डॉक्टरों के लिए कुछ नहीं हो सकती । उनका कहना था इतने बड़े घटना के बाद भी हम नहीं चेते हैं और थोड़ी बहुत पैसे के लिए अपनी फूट और मानसिकता को सबके बीच जाहिर कर रहे हैं जो बहुत हीं दुखद है ।