बिहारराजनीति

शिक्षक बहाली में 100 फीसदी डोमिसाइल नीति लागू हो : पप्पू यादव

कहा- यूनिफॉर्म सिविल कोड सिर्फ चुनावी प्रोपगैंडा- पप्पू यादव

पटना। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने उत्तरी मंदिरी स्थित आवास पर रविवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया। मीडिया से बातचीत के दौरान पप्पू यादव ने बिहार में बीपीएससी द्वारा शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति को खत्म किये जाने के खिलाफ उन्होंने नाराजगी जतायी है। वहीं, उन्होंने कहा कि सीटेट-बीटेट परीक्षा के बाद बीपीएससी द्वारा परीक्षा लेना भी गलत है।

पप्पू यादव ने सरकार के अधिकारी बड़े-बड़े कोचिंग संस्थान के साथ मिलकर बड़ा घाल मेल कर रहा है। वहीं, उन्होंने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में मैथ और साइंस के शिक्षक नहीं मिलते हैं। पप्पू यादव ने कहा कि इस तरह का बयान देकर उन्होंने बिहारी युवाओं का अपमान किया है। बिहार की प्रतिभा का दुनिया लोहा मानती है। वहीं, उन्होंने कहा कि 10 फीसदी सीटों को सरकार अन्य राज्यों के अभ्यर्थी के लिए रख सकती है, उसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है। किसी भी परिस्थिति में 90 फीसदी सीटों पर राज्य के छात्रों के लिए रिजर्व रहे, इस पर हमारी पार्टी कोई समझौता नहीं करेगी।
वहीं, उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी से 17 साल तक नीतीश कुमार के साथ रही, तब वो क्या कर रही थी। भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी की सरकार के प्रति साल 2 करोड़ के नौकरी का हिसाब दे। महंगाई पर जनता को जवाब दे, साथ ही उन्होंने मणिपुर हिंसा पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि हिंसा में वहां 100 से ज्यादा लोग मारे गये उसका जवाब दे, 85 हजार करोड़ रुपये छपने के बाद आरबीआई पहुंचने से पहले गायब हो गये उसका भी जवाब दे।
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि डोमिसाइल नीति को लागू किये जाने की मांग को लकर जनाधिकार पार्टी राज्यभर में 5 जुलाई को धरना देगी। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा बहाली में पूर्णत: डोमिसाइल लागू हो।
वहीं, पप्पू यादव यादव ने सिविल संहिता पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यूसीसी का तो मणिपुर के सीएम ने ही उसका विरोध कर दिया है। पूरे नॉर्थ इस्ट और साउथ के राज्यों ने भी इसका विरोध कर दिया है। उन्होंने कहा कि सिविल संहिता धर्म और कौम से जुड़ा मामला नहीं है। सिविल संहिता सिर्फ चुनावी प्रोगेंडा के अलावा कुछ नहीं है। 2024 में विपक्षी एकता को लेकर मोदी सरकार घबरा गयी है।
भारतीय जनता पार्टी की चिंता सिविल संहिता नहीं है। इनकी चिंता विपक्षी एकता है। राहुल गांधी अपने जान को हथेली पर रखकर मणिपुर जाते हैं। जिसके बाद सर्वे में नरेंद्र मोदी से भी बड़े चेहरे के रुप में राहुल गांधी का नाम आ गया तो बीजेपी घबरा गयी है। बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं रहता है इस तरह के मुद्दे को लेकर जनता को भरमाना चाहती है। सिविल संहिता का भारत के संविधान और कानून से कोई लेना देना नहीं है।
वहीं, मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल से मिलने के सवाल पर पप्पू यादव ने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का अधिकार वह किसी भी मिल सकते हैं, मीडिया से ऐसे सवालों से महागठबंधन में सिर्फ झगड़ा लगाना चाहती है। प्रेस वार्ता में जाप राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू उपस्थित थे।

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