बिहारराजनीति

सरकार की नाक के नीचे से तीन पूंजीपति हजारों करोड़ रुपए लेकर विदेश भाग गए : ललन सिंह

मुख्यमंत्री ने डीजल पर अनुदान देकर किसानों का बोझ हल्का किया : उमेश सिंह कुशवाहा

नीतीश कुमार के प्रयास से बिहार को चार बार राष्ट्रीय कर्मण पुरस्कार मिला : अशोक चौधरी धरी

पटना। पार्टी मुख्यालय में जदयू किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता प्रशिक्षण सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह ‘‘ललन’’ ने दीप प्रज्जवलित कर समारोह का उद्घाटन किया। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पार्टी मुख्यालय के परिसर में किसान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 12 किसानों को राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह ‘‘ललन’’ के द्वारा सम्मानित किया गया।
राजीव रंजन सिंह ‘‘ललन’’ ने कहा कि आज बिहार का विकास दर अगर 11 फ़ीसदी है तो उसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ प्रदेश के अन्नदाताओं को जाता है। 2015 में मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना का वादा किया था जिसे 2020 तक पूरा कर दिया और हमें भरोसा है कि 2025 आते-आते सात निश्चय योजना-2 का वादा भी पूरा कर लिया जाएगा।


राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ हमारे नेता वादा अनुसार काम कर रहे हैं वहीं दूसरे तरफ केंद्र में बैठे मोदी अपने वादों को चुनाव के बाद जुमला करार कर देते हैं। प्रधानमंत्री ने 2014 में दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, हर गरीब के खाते में 15-15 लाख रुपए भेजने का वादा किया था। रोजगार मिलने की बात तो दूर केंद्रीय नौकरियों में 2014 के बाद से पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई, ठीक उसी प्रकार देश से काला धन तो वापस नहीं आया मगर सरकार के नाक के नीचे से देश के तीन बड़े पूंजीपति हजारों करोड रुपए लेकर विदेश भाग गए। मोदी ने न खाएंगे न खाने देंगे की बात कही थी मगर आज वास्तविक स्थिति ठीक इसके विपरीत है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हमारे देश के वैज्ञानिकों द्वारा चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग करवाई गई लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने भी वैज्ञानिकों के इस मेहनत पर अपना प्रचार शुरू कर दिया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने अपने संबोधन में कहा कि हम जानते हैं कि भारत की एक तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, मुख्यमंत्री ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए देश में पहली बार कृषि नीति का निर्माण किया ताकि देश का किसान आर्थिक समृद्धि की मुख्यधारा में शामिल हो सके। प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार ने वर्ष 2008 में पहला कृषि रोड मैप, 2012 में दूसरा कृषि रोड मैप, 2017 में तीसरा कृषि रोड मैप एवं 2023 में चौथा कृषि रोड मैप बनाया जो कि आज तक चल रहा है। वर्तमान में चलने वाला कृषि रोड मैप का बजट कुल 1 लाख 62 हजार करोड रुपए का है। इस बात से ही पता चलता है कि हमारे नेता मुख्यमंत्री किसानों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए किस प्रकार से संकल्पित है। मुख्यमंत्री द्वारा विगत 18 वर्षों के कार्यकाल के दौरान कृषि क्षेत्र में बिहार ने अनेकों उपलब्धि हासिल की है। कृषि से जुड़ा हुआ उत्पादन एवं पशुपालन के क्षेत्र में भी बिहार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। दुग्ध उत्पादन, अंडा उत्पादन, मत्स्य पालन, बकरी पालन, गौ पालन एवं मुर्गी पालन में बिहार का अव्वल स्थान पर रहा है। मुख्यमंत्री ने बिहार के अंदर सिचाई की व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाने का काम किया और किसान भाइयों को डीजल पर अनुदान देकर उनका बोझ हल्का किया। नीतीश कुमार ने सभी वर्गों के हित में जितने भी काम किए हैं, उतने काम देश के किसी मुख्यमंत्री ने अपनी जनता के लिए नहीं आज तक किया।

भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इसमें दो मत नहीं है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसानों को सशक्त बनाने का ऐतिहासिक काम किया है। पहले देश में किसानों के लिए कोई पोलिसी नहीं थी लेकिन मुख्यमंत्री ने जब केंद्रीय कृषि मंत्री का पदभार ग्रहण किया तो सबसे पहले उन्होंने किसानों के लिए कृषि नीति बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब बिहार का बागडोर संभाल तब उन्होंने प्रदेश के किसानों को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए कृषि रोड मैप की शुरुआत की। आज चौथा कृषि रोड मैप की शुरुआत मुख्यमंत्री ने की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व का प्रमाण है कि बिहार को चार बार कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय कर्मण पुरस्कार से नवाजा गया। आज बिहार के अंदर गेहूं, मक्का एवं चावल के उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री जी ने किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए जैविक काॅरिडोर बनाने का काम किया एवं साॅइल हेल्ड कार्ड की भी शुरुआत की।
सम्मानित किए गए किसानों में स्वाति यादव (लखीसराय), इंदर कोरा (मुंगेर), भोला महतो (सिवान), विजय गिरी (पश्चिम चंपारण), लता देवी (बांका), राज कुमार यादव (जमुई), हेमचंद्र ठाकुर (मधुबनी), अंजु कुमार (समस्तीपुर), कौशल कुमार (रोहतास), विजय कुमार सिंह (जमुई), नीरज कुमार (लखीसराय) उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुख्य सचेतक, बिहार विधान परिषद संजय कुमार सिंह ‘‘गांधी जी’’ विधानपार्षद सह राष्ट्रीय सचिव रविन्द्र प्रसाद सिंह, मुख्य प्रवक्ता सह विधानपार्षद नीरज कुमार, संजय वर्मा, मुख्यालय प्रभारी अरुण कुमार सिंह, सुनील कुमार सुशील, वासुदेव कुशवाहा, रणविजय कुमार, नंदकिशोर कुशवाहा, किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कुमार, किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष कर्मवीर आजाद, भोला सिंह, महासचिव सोनू कुमार एवं मिडिया प्रभारी नीरज कुमार, श्रम एवं तकनीकी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ई. राम चरित्र प्रसाद सहित सैकड़ों नेतागण एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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