बिहारराजनीति

राज्य की भयावह गरीबी जनपक्षीय विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने की कर रही मांग:भाकपा-माले

18 दिसंबर को विनोद मिश्र के 25 वें स्मृति दिवस पर होगी विशाल जनसभा

 

  • 7 दिसंबर को पटना में होगा कन्वेंशन, बदलाव के एजेंडे पर जारी होगा बुकलेट

पटना । भाकपा-माले की एक दिवसीय राज्य कमिटी की बैठ पटना स्थित राज्य कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, स्वेदश भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, धीरेन्द्र झा, अमर, मीना तिवारी, राजाराम सिंह, शशि यादव सहित पार्टी के विधायकों व जिला सचिवों ने हिस्सा लिया।

बैठक की शुरूआत पार्टी के दूसरे महासचिव जौहर, निर्मल व रतन को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई और शहीदों के सपने के भारत बनाने का संकल्प लिया गया। विदित हो कि 1975 में 29 जून को ही भोजपुर में इन तीनों पार्टी नेताओं ने जनता की लड़ाई लड़ते हुए शहादत दी थी।

बैठक में राज्य सरकार द्वारा जारी सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण पर विभिन्न पहलुओं से चर्चा की और आगामी कार्यक्रम बनाए गए।
माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बावजूद, बिहार का यह सामाजिक-आर्थिक सर्वे अपने आप में ऐतिहासिक है, जिसने बिहार के सच को उजागर किया है। एक तरफ जहां भाजपा सरकार देष में बढ़ती गरीबी, असमानता और वंचना को झुठलाने का निरंतर प्रयास करती रहती है, और जले पर नमक छिड़कते हुए मोदी राज को ‘अमृतकाल’ बताने का प्रलाप करती है; ठीक उसी समय बिहार सरकार ने अपनी रिपोर्ट के जरिए बिहार में मौजूद भयावह गरीबी और अविकास को स्वीकार किया है।

बैठक में तय किया गया कि सामाजिक-आर्थिक तथ्यों के आलोक में राज्य को गरीबी के भयावह दुष्चक्र से निकालने और वास्तविक रूपांतण के लिए सेमिनार-गोष्ठियों व व्यापक विचार-विमर्श के जरिए उसे एजेंडों को तयर करने की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा और आगामी 7 दिसंबर को पटना के रवीन्द्र भवन में एक राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन किया जाएगा।

इस साल 18 दिसंबर को भाकपा-माले के दिवंगत महासचिव का. विनोद मिश्र की 25 वीं बरसी है. बैठक से निर्णय लिया गया कि इस मौके पर पटना के मिलर हाई स्कूल में एक जनसभा आयोजित की जाएगी , जिसमें महागठबंधन के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा। विनोद मिश्र पर भी एक बुकलेट तैयार किया जाएगा।

बैठक से शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा उस आदेश की निंदा की गई जिसमें शिक्षकों को किसी भी प्रकार के संगठन में शामिल होने पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। भाकपा-माले की बिहार राज्य कमिटी इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन मानती है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसमें तत्काल हस्तक्षेप की मांग करती है।
बैठक में पार्टी ढांचे, नवीकरण, सदस्यता के विस्तार आदि पहलुओं पर भी चर्चा की गई। यह तय किया गया कि 18 दिसंबर तक नवीकरण के कार्यभार को पूरा कर लेना है‌

 

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