बिहारराजनीति

बिहार सरकार औद्योगिक विकास के मामले में फिसड्डी साबित हुई है : डॉ भीम सिंह

पटना। बिहार प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री भीम सिंह ने आज कहा कि बिहार सरकार आद्योगिक विकास के मामले में फिसड्डी साबित हुई है। उन्होंने कहा कि आज देश में लगे उद्योगों की संख्या जहां 2 लाख 46 हजार से ज्यादा है वही बिहार में उद्योगों की संख्या मात्र 3429 है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि अगर उद्योग में पूंजी निवेश की बात की जाए तो देश में औसतन प्रति कारखाने 15 करोड़ रुपए का निवेश है तो बिहार में यह निवेश प्रति कारखाना मात्र 4 करोड़ है। इसका मतलब साफ है कि यहां सिर्फ लघु उद्योग है।

यही नहीं अगर देश में औसतन प्रति कारखाने 53 श्रमिक कार्यरत है तो बिहार में 32 श्रमिक प्रति कारखाने कार्यरत हैं।

 

बिहार के पूर्व मंत्री ने साफ लहजे में कहा कि इसके लिए सिर्फ नीतीश सरकार की नीतियां जिम्मेदार है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में स्टार्टअप की संख्या जहां 1 लाख 17 हजार है वही बिहार में मात्र 185 स्टार्टअप है।

उन्होंने कहा भले आज सरकार वाहवाही कर रही हो लेकिन ये आंकड़े उनकी उद्योग के प्रति उदासीनता को साबित कर रहा है। उन्होंने साफ कहा कि आज तक भाजपा कभी सत्ता के ड्राइविंग सीट पर नही रही। आज जो कांग्रेस, राजद और जदयू इंडी गठबंधन में हैं, उनकी ही 43 साल से यहां सरकार चल रही है, इसलिए साफ है कि इसके लिए भी वही जिम्मेदार हैं।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि वास्तव में कांग्रेस का ध्यान कभी विकास पर नहीं रहा। उनकी यूएसपी ही तुष्टिकरण, छद्म धर्मनिरपेक्ष और भ्रष्टाचार रही है। राजद के विकास को उनके ही सहयोगी दल के नेता नीतीश कुमार के इस बयान से समझा जा सकता है। नीतीश कुमार कहते थे कि लालू विकास के नाम पर वैसे भड़कते हैं जैसे लाल कपड़ा देखकर सांड भड़कता है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने नीतीश कुमार को इसलिए सत्ता पर बैठाया था बिहार की विकास को गति मिल सके। 2010 तक तो सही रहा लेकिन उसके बाद वे स्व आधारित राजनीति में उन्मुख हो गए और विकास की राजनीति से दूर हो गए।

भाजपा प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री सिंह ने विधान मंडल में उद्योग विभाग के प्रतिवेदन का हवाला देते हुए कहा कि आद्यौगिक निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति 2016 लाई गई थी। इसके बाद अब तक 64,581 करोड़ रुपए के प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई, जबकि प्रतिवेदन कहता है कि अब तक 3579 करोड़ रुपए के प्रस्ताव ही सरजमीं पर उतरे।

हाल ही में पटना में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दावा किया जा रहा है कि 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश पर एमओयू हुआ है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि हकीकत है कि 30 से 35 हजार करोड़ रुपए के पूंजी निवेश को लेकर एमओयू हुआ है। इसमें भी पांच से 10 हजार करोड़ भारत की कंपनियों का ही हस्ताक्षर हुआ है।

श्री सिंह ने साफ लहजे में कहा कि औद्योगिक विकास में पिछड़े रहने का कारण नीतीश सरकार की गलत नीतियां हैं। उन्होंने समिट की चर्चा करते हुए कहा कि इतना बड़ा समिट पहली बार पटना में हुआ, लेकिन सीएम सहित किसी ने इसमें रुचि नहीं ली। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश वहां गए जरूर लेकिन एक शब्द नहीं बोले। आज उद्योग विभाग सब्सिडी बांटने का विभाग रह गया है।

इस प्रेस वार्ता में मीडिया संयोजक दानिश इकबाल, सह मीडिया प्रभारी प्रभात मालाकार, सूरज पांडेय और वसीम राजा उपस्थित रहे।

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