बिहार

सड़कों को गरमाना है-संसद को बचाना है : रघु ठाकुर

जातिप्रथा के खिलाफ संघर्ष करेंगे:संजय सिंह

पटना। सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक श्री रघु ठाकुर द्वारा संकलित एवं संपादित डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुस्तक जाति प्रथा का विमोचन किया गया। श्री रघु ठाकुर, राज्यसभा सांसद श्री संजय सिंह ,पूर्व सांसद श्री विजय कृष्ण, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री उदय नारायण चौधरी ,पूर्व एमएलसी श्री अजय ऑलमस्त ,श्री मुकेश चंद्र, डॉ. अशोक पंकज, पूर्व विधायक श्री किशोर कुमार मुन्ना ने कार्यक्रम को संबोधित किया ।

इस अवसर पर रघु ठाकुर ने कहा कि बिहार में पुस्तक के विमोचन कराने का सबसे बड़ा कारण यह है कि देश में समाजवाद का सबसे बड़ा बीज जहां पड़ा है वह बिहार है । समाजवादियों की सबसे बड़ी जमीन बिहार है । यहां कोई गांव ऐसा नहीं है कि जहां समाजवादी नहीं हो । जब 1977 में स्व. कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री बने तो, उन्होंने बिहार में आरक्षण को लागू किया । बिहार की सड़कों पर आरक्षण विरोधियों ने कर्पूरी ठाकुर मुर्दाबाद के नारे लगाये थे । बिहार सही मायने में एक अद्भुत प्रदेश है । यहां अन्याय है , परंतु उसका विरोध करने वाले भी हैं ।बिहार में आरक्षण का विरोध पहले भी था आज भी है । आरक्षण रोजगार का विकल्प नहीं है, यह रोजगार के लिए नहीं है । आज नौकरियाँ कितनी बची है ??भारत माता की जय बोलने वालों को समझना चाहिए कि भारत माता खंडित ना हो जाए। इसलिए भी आरक्षण जरूरी है l देश को गांधी जी के चरखे से आजादी मिली । गांधी जी ने छोटे से छोटे ,गरीब से गरीब और गरीब से अमीर के बीच की दूरी को मिटा कर देश को एक किया था । ऐसा करके उन्होंने देश को आजाद कराया था।इसीलिए देश में लोकतंत्र स्थापित हो पाया । जिस देश में जातिवाद होगा, वह कमजोर होगा । जातिवाद को मिटाकर ही देश को मजबूत किया जा सकता है । हिंदुस्तान में आरक्षण आज से नहीं शुरु नहीं हुआ। आरक्षण जब तक जातिप्रथा शुरू करने वालों के हक में था, तब तक ठीक था !! अब जब चक्र बदलने लगा है तब से ही दिक्कत शुरू हो गई है । बिहार बहादुरों का प्रदेश है । यहां के लोग गलत बात का विरोध करने की हिम्मत करते हैं । आरक्षण का मतलब हिस्सेदारी से है । सरकार में हिस्सेदारी और बराबरी के लिए संविधान कहता है । श्री रघु ठाकुर ने आगे कहा के अगर प्रशासन व्यवस्था फेल हो जाए तो सरकार को भंग कर देना चाहिए,जैसा मध्यप्रदेश में हो रहा है । जिस सरकार में गरीब, आदिवासी, दलित के साथ अन्याय हो उस सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं । इसलिए हम आगामी 24 तारीख को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देकर महामहिम राष्ट्रपति जी से मध्य प्रदेश सरकार को भंग करने की मांग करेंगे । लोहिया ने कहा सात क्रांतियां, आज भी मौजूद है । हम नारा लगाते रहे-” ना 100 से कम ना हजार से ज्यादा दुनिया का यही तकाजा।” एक व्यक्ति पिछले 6 माह में 7.50 लाख करोड़ का बिजनेस करता है , यह बिजनेस उसके डाटा का है । तकनीकी माध्यम से उसने यह कमाई की है । यदि इस असमानता को नहीं रोका गया तो, आने वाले 15 – 20 सालों में गरीब मुल्कों में रोटी के लिए मारकाट होने वाली है । एक-एक करके रोजगार खत्म होने वाले हैं एवं ये एक-एक करके खत्म होते भी जा रहे हैं । जात-पात को छोड़कर सब को एक होना होगा । यह लड़ाई विश्व स्तर पर मानवता को बचाने के लिए भी है । गैर बराबरी मिटानी है तो, यह अकेले नहीं होगा । पूंजीवाद को भी साथ में मिटाना होगा । तभी देश-दुनिया को बचाया जा सकता है । देश में लैटरल एंट्री की योजना- कांग्रेस लेकर आई थी। लेकिन, आज यह योजना भाजपा सरकार के द्वारा लागू हो रही है तथा इसके द्वारा बहुत उच्च पदों पर करीब करीब 400 लोग बिना यूपीएससी की परीक्षा दिए ज्वाइंट सेक्रेट्री डायरेक्टर लेवल पर भारत सरकार में भर्ती हो चुके हैं। भारत सरकार के अधिकारी, पूंजीवादी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार का साथ देंगे एवं अन्य अनैतिक कार्य करेंगे इसलिए हम सबको सड़कों पर आना होगा ।अगर सड़कें- सुनी हो जाएंगी तो, संसद आवारा हो जाएगी । हमें सड़कों को गर्म करना है जिससे संसद को आवारा होने से बचाया जा सके ।
श्री संजय सिंह सांसद राज्यसभा में ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि- “जातिप्रथा पर आधिकारिक रूप से लिखने के योग्य यदि कोई है तो, एकमात्र श्री रघु ठाकुर जी हैं । मैं जातिवाद के खिलाफ बोल रहा हूं और कोई मेरी जाति, साथ या विरोध में आएगी या नहीं आएगी। इसकी फिक्र किए बिना बोलता हूं l मैंने आज तक जो भी सीखा श्री रघु ठाकुर के चरणों में बैठकर ही सीखा है और इसीलिए संसद में सच बोलता हूं तथा बेखौफ होकर बोलता हूं । श्री रघु ठाकुर का मानना है कि अच्छे लोगों के राजनीति में आए बिना देश में सुधार नहीं हो सकता । क्योंकि उन्होंने सिखाया कि आज बच्चों की फीस कौन तय करता है, कश्मीर से कन्याकुमारी तक के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कानून कौन बनाता है -वह है, देश की संसद और इसीलिए राजनीति में अच्छे लोगों को आना है एवं अन्य को भी लाना है, तभी देश में सुधार आ सकता। इसी से सारी व्यवस्था मैं सुधार आएगा । इसीलिए देश में राजनीति में बदलाव लाये बिना, काम नहीं चलेगा । आजादी के 75 साल बाद भी भेदभाव एवं जातिप्रथा की भयंकर बीमारी है l जिसे नजर अंदाज करके हम देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं । क्या यही राष्ट्रवाद है?? जातिप्रथा की बीमारी अकेले बिहार और यूपी में ही नहीं है l यह पूरे देश में है lयह हो सकता है कि बिहार और यूपी में ज्यादा हो।”
पुस्तक की रूपरेखा डॉ अशोक पंकज ने प्रस्तुत की एवं कार्यक्रम का सफल संचालन श्री दीपांकर विश्वजीत ने किया lधन्यवाद प्रस्ताव श्री किशोर कुमार मुन्ना पूर्व विधायक ने किया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. ऊषा प्रसाद ,एडवोकेट अशोक वर्मा, बद्री बाबू ,अरुण प्रताप सिंह, मिराज नूर अहमद,दयाशंकर शर्मा,मदन शर्मा ,जगनारायण सिंह ,एड. रामेश्वर, प्रोफेसर पाल, शिशुपाल ठाकुर,राजीव रंजन ,राकेश यादव, मनीष अग्रवाल ,सोनू सिंह ,विवेक आनंद ,हरेंद्र यादव,उमा दफ्तौर ,दीपक पोद्दार, ,डॉ. विकास विद्यार्थी , विनोद कुमार, डॉ अजय कुमार ,श्री पी के मिश्रा ,मनीष चौहान, प्रोफेसर निर्मल कुमार ,इंजी. संतोष यादव ,गुलाम रब्बानी एवं अन्य भारी तादाद में श्रोता गण कार्यक्रम स्थल- “गोल्डन-फ्लेवर” वेंकट हॉल बोरिंग रोड पटना में उपस्थित हुए जिनमें युवाओं की तादाद उल्लेखनीय रही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button